बसपा हटी पीछे, डिंपल यादव का रास्ता साफ
बसपा प्रवक्ता ने आज यहां जारी बयान में कहा कि बसपा ने सपा सरकार के विकास के खोखले दावे का पर्दाफाश करने के लिए कन्नौज लोकसभा उपचुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया है। उन्होंने कन्नौज सीट से मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव को मैदान में उतारने को समाजवादी पार्टी की परिवारवाद की परम्परा का प्रमाण बताते हुए कहा है कि सपा अपने परिवार की सम्पन्नता को ही विकास मान कर चलती है।
बसपा प्रवक्ता ने कहा है कि उसने कन्नौज उपचुनाव में अपना उम्मीदवार खड़ा नहीं करने का फैसला इसलिए किया ताकि वहां के लोग भी नेहरु गांधी परिवार के परम्परागत क्षेत्रों अमेठी, रायबरेली और सुल्तानपुर के लोगो की ही तरह समाजवादी पार्टी के नेताओं की हकीकत समझ लें, जिनके लिए विकास का मतलब सिर्फ परिवार की सम्पन्नता है।
उल्लेखनीय है कि कांग्रेस पार्टी वर्ष 2009 की ही तरह इस उपचुनाव में भी कन्नौज सीट पर उम्मीदवार नहीं उतारने की घोषणा कर चुकी है, जबकि भाजपा ने प्रदेश में चल रहे नगरीय निकाय चुनाव को अपनी प्राथमिकता बताते हुए कन्नौज चुनाव से विरत रहने का फैसला किया है और इस तरह अब तक चुनाव मैदान में उतरी एक मात्र प्रमुख उम्मीदवार डिंपल यादव की जीत पक्की हो गयी है।
कन्नौज सीट अखिलेश यादव के मुख्यमंत्री बन जाने के बाद राज्य विधान परिषद का सदस्य चुन लिए जाने से उनके इस्तीफे से खाली हुई है। उल्लेखनीय है कि डिंपल वर्ष 2009 में पति अखिलेश के इस्तीफे से खाली एक और लोकसभा सीट फिरोजाबाद से उपचुनाव लड़ चुकी है, मगर तब वे कांग्रेस के उम्मीदवार राजबब्बर से हार गयी थी। इस सीट के लिए 24 जून को मतदान होगा और आज नामांकन पत्र दाखिल करने की अंतिम तिथि है।