जनसंख्या नियंत्रण के लिए जबर्दस्ती नहीं
श्री खां ने कहा कि वर्ष 1975 में आपातकाल के दौरान जनसंख्या नियंत्रण के लिए लोगों को मजबूर किया गया था। इस सम्बंध में बनी नीति को जनता की चाहत के विपरीत थोपा गया था और उसका परिणाम सभी ने देखा। श्री खां ने कहा कि प्रदेश में बढ़ती हुई आबादी को एक समय सीमा के तहत नियंत्रित करने तथा प्रदेश में जनसंख्या स्थिरीकरण का लक्ष्य प्राप्त करने के उद्देश्य से राष्ट्रीय जनसंख्या नीति की तर्ज पर प्रदेश की अपनी जनसं या नीति वर्ष 2000 में प्रस्तावित की गयी है जिसके तहत वर्ष 2016 तक कुल प्रजनन दर को 2.1 के स्तर तक लाना है।
उन्होंने कहा कि जनसंख्या नीति के तहत समस्त सम्बन्धित विभागों शिक्षा विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग, ग्रामीण विकास विभाग आदि को मिलकर कार्य करना है। वहीं राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन कार्यक्रम के तहत भी कुल प्रजनन दर को 2.8 प्रतिशत तक लाने का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने कहा कि जनसं या पर नियंत्रण के लिए सरकार ने प्रदेश में परिवार कल्याण कार्यक्रम के तहत कई गतिविधियां संचालित कर रही है लेकिन किसी पर परिवार नियोजन के लिए दबाव नहीं बनाया जायेगा।