अब राज्यों ने भी मिलाया सिब्बल के सुर में सुर
गुजरात और बिहार ने कहा कि वह इसे लागू करने को तैयार है पर इससे पहले सभी केंद्रीय इंजीनियरिंग संस्थानों के लिए दाखिले का फार्मूला एक जैसा बनाया जाए। हालांकि सिब्बल ने आश्वस्त किया कि दो साल बाद फार्मूला समान हो जाएगा, लेकिन राज्य चाहते हैं कि शुरू से ऐसा हो। माना जा रहा है कि सरकार इसमें बदलाव कर सकती है। बिहार के शिक्षा मंत्री पीके शाही ने सवाल उठाया कि पिछली बैठक में एकल परीक्षा पर सैद्धांतिक सहमति बनी थी।
फिर आईआईटी को अलग कैसे किया गया और आईआईटी के लिए जेईई-मुख्य के बेहतरीन 50 हजार छात्रों में से ही जेईई-एडवांस में सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाले छात्रों को ही कैसे लिया जा सकता है। सबके लिए एक जैसी व्यवस्था होनी चाहिए। उन्होंने इसके साथ ही अनुसूचित जाति, जनजाति व पिछड़ों को आरक्षण की बात उठाई। इस पर सिब्बल ने कहा कि भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान भी 2015 से यही पैटर्न अपनाएंगे। बैठक से अलग उत्तर प्रदेश के शिक्षा मंत्री रामगोविंद चौधरी ने कहा कि हम अभी कॉमन प्रवेश परीक्षा के पक्ष में नहीं हैं। इस बारे में और विचार-विमर्श के बाद ही कुछ तय करेंगे।'