ब्रह्मेश्वर मुखिया का आज अंतिम संस्कार, हालात तनावपूर्ण
ब्रह्मेश्वर मुखिया आरा के कातिरा मोहल्ले में नरसंहार के मुकदमों से बरी होकर सुर्खियों से दूर अपनी जिंदगी गुजार रहे थे। इस मामले में पुलिस किसी नतीजे पर नहीं पहुंच पायी है। हमलावरों को और हत्या की वजह का पता लगाने की कोशीश कर रही है। घटना के बाद शहर में देखते कर्फ्यू लगाना पड़ा था।
हत्या के बाद उनके समर्थकों ने जमकर उत्पात मचाना शुरू कर दिया था। जगह-जगह आग लगाने और तोड़फोड़ की घटनाए सुनने में आई। मुखिया की हत्या के विरोध में आरा मे स्थित हरिजन छात्रावास में आग लगा दी गयी। सर्किट हाउस में आगजनी और तोड़फोड़ की गयी। हालांत इतने बिगड़ गये कि उपद्रवियों को देखते ही गोली मारने का आदेश जारी कर दिया गया।
इस घटना पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि किसी भी किमत पर हमलावरों को छोड़ा नहीं जाएगा। इस घटना को अंजाम देने वाले पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। ब्रह्मेश्वर सिंह रणवीर सेना के संस्थापक रहे है, और उनके ऊपर नरसंहार समेत लगभग 227 हत्या के मामले दर्ज है। अभी कुछ ही महिने पहले सिंह 9 साल की सजा काटने के बाद जेल से बाहर आए थे।
सिंह पर नरसंहार से संबंधित 22 मामले थे जिनमें से 16 में सिंह बरी हो चुके थे, और 6 मामले में जमानत पर थे। लक्ष्मणपुर बाथे में 61 दलितों की हत्या और 1996 में बथानी टोला में 21 लोगों की हत्या जैसे कुख्यात नरसंहार से उनका नाम जोड़ा गया था।