कांग्रेस डिंपल यादव के खिलाफ नहीं उतारेगी प्रत्याशी
केंद्र में डोलती सत्ता के लिए बैकअप बनाये रखने व लोकसभा चुनाव में यह दोस्ती को और मजबूत करने के लिए कांग्रेस ने यह फैसला लिया है। अखिलेश यादव के इस्तीफे से रिक्त कन्नौज लोकसभा सीट के उपचुनाव में उनकी पत्नी डिंपल यादव के प्रत्याशी बनने पर कांग्रेस इस सीट से अपना कोई प्रत्याशी नहीं उतारेगी।
प्रदेश कांग्रेस के सूत्रों की मानें तो केन्द्र की संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार को सपा के मिल रहे समर्थन को देखते हुये पार्टी ने कन्नौज सीट से प्रत्याशी नहीं उतारने का निर्णय लिया है। उन्होंनें कहा कि प्रत्याशी नहीं उतार कर पार्टी सपा अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव को तोहफा देना चाहती है।
कांग्रेस ने इसे चुनाव पूर्ण गठबन्धन मनाने से पूर्णता इंकार कर दिया है। वहीं फिरोजाबाद लोकसभा के उपचुनाव में ऐसी स्थिति नहीं थी मुख्यमंत्री अखिलेश यादव लोकसभा के 2009 में हुये चुनाव में कन्नौज और फिरोजाबाद सीट से जीते थे। उन्होंनें फिरोजाबाद सीट से इस्तीफा दिया और उनकी पत्नी डिंपल उपचुनाव में उतरी थी जबकि कांग्रेस ने उनके खिलाफ आगरा सीट से चुनाव हार चुके राजबब्बर को उतारा था। उप चुनाव में राजबब्बर करीब एक लाख वोट से चुनाव जीते थे।
राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार कांग्रेस को इसमें अपना फायदा नजर आ रहा है। विरोधियों के रवैये से परेशान कांग्रेस सपा का सहयोग इसलिए कर रही है ताकि केन्द्र में संप्रग दो सरकार की गाड़ी बाकी दो साल भी किसी तरह गुजार ले। अब देखना यह है कि कांग्रेस-सपा का यह सहयोग लोकसभा चुनाव की अन्य सीटों पर कैसा रहता है।