जीआईएस प्रणाली के तहत 40 करोड़ खर्च करेगी भारतीय रेल
जीआईएस पर आधारित डेटाबेस से किसी इमारत, सिग्नल, कोच, ईंजन आदि के जीन चक्र के बारे सूचना मिल सकेगी। इससे उनकी मरम्मत या बदलाव की जानकारी के बारे में भी पता चलेगा। आपदा प्रबंधन प्रणाली के तहत दुर्घटना के समय इससे निर्णय लेने में तेजी आ सकेगी। साथ ही दुर्घटना स्थल के बारे में भी जानकारी मिल सकेगी। अधिकारी ने बताया कि जीआईएस नक्शे से दुर्घटना के समय त्वरित कार्रवाई की जा सकेगी।
इसमें सभी स्टेशनों की जानकारी उपलब्ध होगी। माना जा रहा है कि इस प्रणाली के तहत आंकड़ों से रेलवे को प्रबंधन और परिचालन में मदद मिलेगी। जीआईएस के तहत तैयार नक्शों पर नदी, वन, राष्ट्रीय राजमार्ग, सड़क आदि भी दर्शाये जायेंगे साथ ही राज्यों की सीमा का भी उल्लेख होगा। इसमें पटरियों को ब्रॉड गेज, मीटर गेज और नैरो गेज के आधार पर दिखाया जायेगा साथ ही स्टेशनों के विद्युतीकरण का भी ब्यौरा शामिल होगा। इससे भूमि के ठीक ढंग से व्यापारिक इस्तेमाल का भी रास्ता खुलेगा और यात्रियों को सुविधायें मुहैया कराने में मदद मिलेगी।