सीएमओ हत्याकांड: आईएएस व डिप्टी सीएमओ पर सीबीआई की नजर
सीबीआई दोनों अधिकारियों की घेराबंदी करने के लिए सबूत जुटा रही है। सूत्र बताते हैं कि पूर्व सीएमओ डा. ए.के. शुक्ला के करीबी रहे एक डिप्टी सीएमओ इस हत्याकाण्ड की अहम कड़ी हैं लेकिन वह अभी सीबीआई की पकड़ से दूर हैं।
डा. विनोद आर्या के साथ ही डा. शुक्ला के कार्यकाल के दौरान राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन की योजनाओं को देख रहे यह वही डिप्टी सीएमओ हैं जिन्हें डा. शुक्ला के करीबी माना जाता है और यह डा. शुक्ला के राजदार भी थे। परिवार कल्याण विभाग के एक ओर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. बीपी सिंह की भी हत्या हुई थी जिससे एनआरएचएम घोटाले के तार जुड़े हुये हैं।
सीबीआई का दावा है कि वह इस डबल मर्डर कांड के खुलासे के काफी करीब पहुंच चुकी है। सीबीआई को जांच के दौरान पता चला कि पहले से सीएमओ कार्यालय में तैनात डिप्टी सीएमओ एनआरएचएम योजनाओं की जानकारी तो थी ही साथ उन्होंने योजनाओं में अहम भूमिका भी निभाई थी। जनवरी में सेवानिवृत्त हो जाने के बाद भी सीबीआई उनसे सम्पर्क साधे है तथा पूछताछ का दौर चल रहा है।
सूत्रों के मुताबिक उक्त डिप्टी सीएमओ के साथ ही कुछ कर्मचारी भी इन तीनों घटनाओ के बारे में जानकारी रखते हैं। परन्तु पूछताछ में खुलकर बोल नहीं रहे हैं। सभी को किसी बड़े माफिया या प्रभावशाली व्यक्ति का डर सता रहा है जिसका उदाहरण डा. शुक्ला की गिरफ्तारी के बाद देखने को मिला जब उनके जूते से सल्फास मिला।
डा. शुक्ला के जूते से सल्फास मिलना बताता है कि वह जेल में आत्म हत्या कर लेना चाहते थे ताकि कोई सच न उगलवा सके। सीबीआई ने कुल कर्मचारियों की लाई डिटेक्टर जांच की भी मांग की है। सूत्र बताते हैं कि लाई डिटेक्टर टेस्ट कई बड़े अधिकारियों के नामों का खुलासा कर सकता है। हालांकि पूर्व डिप्टी सीएमओ लाई डिटेक्टर में जांच के लिए तैयार नही है।
सीबीआई उक्त डिप्टी सीएमओ को जांच में महत्वपूर्ण कडी मान रही है। डा. शुक्ला मायावती सरकार में काफी प्रभावशाली माने जाते थे। वह ढाई साल से अधिक समय तक लखनऊ के सीएमओ पद पर रहे थे। उनके बसपा सरकार में कद्दावर दो सजातीय नेताओं से अच्छे संबंध थे। इन हत्याओं को राष्ट्रीय एनआरएचएम घोटाले से जोडकर देखा जा रहा था।
एनआरएचएम घोटाले में पूर्व मंत्री बाबू सिंह कुशवाहा बसपा विधायक राम प्रसाद जायसवाल समेत कई अधिकारी तथा दवा व्यवसायी जेल में बंद हैं। डा. बी. पी. ङ्क्षसह की हत्या के बाद पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने अपनी मंत्रिमंडल से तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री अनंत कुमार मिश्रा और बाबू सिंह कुशवाहा को हटा दिया था। सीबीआई ने एनआरएचएम घोटाले में मिश्रा और स्वास्थ्य विभाग के तत्कालीन प्रमुख सचिव प्रदीप शुक्ला से भी कई चक्रो में पूछताछ की है। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने इस मामले में 28 मई तक सीबीआई से प्रोग्रेस रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया है।