सिपाही ने राष्ट्रपति को लिखा पत्र कहा, "मुझे मरना है"
यह बात सुनने में आपको थोड़ी अजीब जरूर लग सकती है मगर यही सच्चाई है जहां इसी वर्दी और अपनी ड्यूटी की वजह से उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिले की पुलिस लाइन में तैनात एक सिपाही ने शारीरिक और मानसिक रूप से बीमार होने के बावजूद अधिकारियों द्वारा रातों दिन कठिन ड्यूटी लगाए जाने की वजह से राष्ट्रपति को पत्र लिखकर अपनी इच्छा मृत्यु की मांग की है।
आपको बताते चलें की उत्तर प्रदेश में फतेहपुर जनपद की पुलिस लाइन में तैनात सिपाही हरिश्चंद्र ने देश की राष्ट्रपति को एक पत्र लिखा है, जिसमें उसने कहा है कि उसके दिमाग की नस में दबाव होने के कारण उसे अक्सर चक्कर आता है और वह बेहोश हो जाता है। सिपाही ने ये भी लिखा है कि इसके अलावा भी उसको कई अन्य बीमारियां हैं जिसका इलाज चल रहा है लेकिन वो सही समय पर दावा नहीं ले पता है कारण है उसकी नौकरी।
अपनी इसी नौकरी से परेशान सिपाही ने राष्ट्रपति से इच्छा मृत्यु की फरियाद की है। सिपाही ने अपनी शिकायत में ये भी कहा है की उसने विभागीय अधिकारियों को डॉक्टरों की रिपोर्ट से अवगत भी करा दिया है जिसके बावजूद उसे रात भर ड्यूटी पर लगाया जा रहा है और उससे कठोर शारीरिक कार्य लिए जा रहे हैं।
इस पूरे मामले पर इलाके के एसपी ने कहा कि उन्हें भी सिपाही के पत्र की प्रतिलिपि प्राप्त हुई है, मगर इससे पहले उसने अपनी बीमारी और ड्यूटी को लेकर कभी भी कोई शिकायत नहीं की थी। साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि इस पूरे मामले कि छानबीन करके इस विषय पर विभागीय कार्यवाही की जाएगी।
वहीं अगर सूत्रों की माने तो इस पूरे मामले में एक चौकाने वाला तथ्य भी सामने आया है। जब पुलिस अधीक्षक से सिपाही की इच्छा मृत्यु के बारे में पूछा गया तो उन्होंने बड़ी ही गैरजिम्मेदारी का बयान दिया उन्होंने कहा की अगर कोई मरना चाहता है तो उसे रोका नहीं जा सकता। साथ ही वर्तमान समय में इच्छामृत्यु का कोई प्रावधान है भी नहीं हां अगर सिपाही चाहे तो तो ट्रेन के आगे कूदकर अपनी जीवन लीला समाप्त कर सकता है।