आईआईटी में प्रवेश के लिए मिल सकते हैं 3 मौके
आईआईटी में दाखिले के लिए आनंद कुमार ने जो सुझाव दिए हैं उसमे प्रवेश के लिए अलग पैटर्न बनाने तथा छात्रों को और अधिक मौके दिए जाने की वकालत की है। साथ ही वह कोचिंगों से छात्रों को मुक्त करने की भी बात सिब्बल को बतायी है। बताया जा रहा है कि आनंद ने सिब्बल से कहा कि पैटर्न ऐसा बने जिससे गरीब छात्रों को कोचिंग लेने की जरूरत ही नहीं पड़े। बताया जा रहा है कि आनंद ने सिब्बल को तर्क दिया कि यदि कोचिंग की जरूरत होगी तो अमीर छात्र इसमें बाजी मार ले जाएंगे जबकि गरीब इसमें पिछड़ जाएंगे। आनंद चाहते है कि इससे शहरी एवं ग्रामीण बच्चों के बीच के फासला भी मिटेगा। उन्होंने कहा कि पैटर्न को टेंशन मुक्त और स्कूली पढ़ाई के अनुकूल बनाया जाना चाहिए जिससे छात्र पहले से ही इस मुकाम को हासिल करने में तैयार रहें। आनंद को आशंका है कि नए पैटर्न आने के बाद कोचिंग संचालक नए पैटर्न की तैयारी के नाम पर पैसा वसूलने लगेंगे।
आनंद ने सिब्बल से कहा कि उन्हें कोचिंग संस्थानों को समाप्त करने की तरफ ध्यान देना चाहिए। पर जो नया पैटर्न बनाया जा रहा है उससे कोचिंग संस्थानों को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने कहा कि 12वीं के अंकों को वेटेज देने तथा एप्टीट्यूट टेस्ट को शामिल किए जाने से छात्रों को तरह तरह की कोचिंगें करनी पड़ेगी जिससे गरीब छात्रों पर मार पड़ेगी।
आनंद ने सिब्बल को सुझाव दिया कि आईआईटी प्रवेश परीक्षा में ग्रामीण तथा निर्धन छात्रों को तीन मौके दिए जाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि इससे उनकी भागीदारी इसमें बढ़ेगी बल्कि उन्हें कोचिंग की जरूरत भी नहीं होगी। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों के बच्चों को आईआईटी में प्रवेश के लिए पर्याप्त मौका नहीं मिल पाता।
उन्होंने एक अन्य सुझाव दिया कि आईआईटी परीक्षा खत्म होने के ही दिन ही सभी प्रश्नों के उत्तर संबंधित वेबसाइट पर डाल दिया जाना चाहिए। उससे छात्रों को उसी दिन ही पता चल जाएगा कि वे खुद को कहां पाते हैं। जबकि, नतीजे आने के दिन सभी छात्रों के अंकों को भी वेबसाइट पर डाल दिया जाना चाहिए। उल्लेखनीय है कि आनंद कुमार ने 10 साल पहले ‘सुपर 30’ की शुरूआत पटना में की थी। और इसके तहत वह न सिर्फ निर्धन छात्रो को निशुल्क आईआईटी प्रवेश परीक्षा की तैयारी करवाते हैं बल्कि उनके आवास तथा भोजन की भी व्यवस्था करते हैं।