सत्य साईं बाबा- जिंदगी के साथ भी, जिंदगी के बाद भी
बाबा के भक्तों का मनना है कि आज से एक साल पहले तो उन्होंने सिर्फ शरीर का त्याग किया था। उनके द्वारा दिखाये गये रास्ते पर चलें तो हर पल बाबा का अहसास होता है। आज पुट्टापर्थी में हजारों की संख्या में बाबा के भक्त मौजूद हैं और पूरा माहौल सत्य साईं बाबा के मौजूद होने का एहसास दिला रहा है।
प्रेमासाईं के रूप में दूसरा जन्म लेंगे साईं बाबा
कर्नाटक की राजधानी बैंगलोर के डोडमलूर गांव में सत्य साईं बाबा का दूसरा अवतार होगा। सत्य साईं का यह अवतार प्रेमासाईं के रूप में होगा। ये आस्था की चरम सीमा है कि बाबा के भक्तों को उस दिन का इंतजार है जब बाबा प्रेमासाईं के रूप में दूसरा जन्म लेंगे। दरअसल यह बात बाबा ने खुद ही अपने भक्तों से कही थी। डोडमलूर से गुजरते समय एक मंदिर के पास पहुंचने के बाद सत्य साईं बाबा ने कहा कि वह इसी जगह पर दोबारा जन्म लेंगे। इस बात का प्रमाण सत्य साईं आनंद दाई नामक किताब में भी मिलता है। इस किताब को 1959 में मैसूर के कैनब्बा नामक महिला ने बाबा के बोलने पर लिखा था।
सत्य साईं के बिना सूना पड़ा है पुट्टापर्थी का बाजार
आंध्र प्रदेश का एक छोटा सा गांव पुट्टापर्थी जिसे शायद ही कोई ऐसा जो ना जानता हो। 23 नवंबर 1926 को सत्य साईं बाबा के जन्म के बाद यह गांव वर्ल्ड मैप पर आ गया। दुनिया भर से करोड़ो भक्त बाबा के दर्शन के लिये यहां आने लगे। बस क्या था, पुट्टापर्थी के लोगों की राजी रोटी बस गई। मगर जब से बाबा का देहावसान हुआ है वहां आने वाले पर्यटकों की संख्या में खासा कमी आई है। बाबा के देहावसान के वहां के कई लोगों के धंधे पर खासा असर भी देखने को मिला है।
खैर जो कुछ भी हो मगर सत्य साईं बाबा के भक्तों को सिर्फ इस बात का इंतजार है कि कब उनके भगवान प्रेमासाईं के रूप में धरती पर पैदा होंगे और उन्हें अपना दर्शन देंगे।