क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

कहां जा रहे हैं सिक्के, सरकार पता लगाएगी

Google Oneindia News

 rbi
दिल्‍ली( ब्यूरो)। पूरे देश में सिक्कों की कमी है, लेकिन सरकार पता करने में कामयाब नहीं हो पा रही है कि आखिर ये सिक्के कहां जा रहे हैं। सिक्के पर्याप्त हैं लेकिन बाजार मे कमी है। अंदेशा है कि सिक्कों का कहीं इस्तेमाल हो रहा है। पिछले दिनों सिक्कों से गहना बनानेवाला एक गिरोह पकड़ा गया था. सरकार को अंदेशा है कि कहीं पूरे देश में कोई गिरोह काम तो नहीं कर रहा है। मामले की तह तक जाने के लिए वित्त मंत्रालय और रिजर्व बैंक ने मिलकर आरबीआई के डिप्टी गर्वनर केसी चक्रबर्ती की अध्यक्षता में एक समिति गठित की है।

बाजार से गायब हो रहे सिक्के रिजर्व बैंक के लिए भी परेशानी का कारण बन चुके हैं। इस समस्या से आम आदमी भी वाकिफ है। हालत यह है कि फुटकर दुकान से सामान लेने के बाद उसे शेष पैसे की जगह अब टॉफी, अन्य कोई चीज या कागज पर लिखी पर्ची ही मिलती है जो उस दुकान के सिवा कहीं और फूटी कौड़ी की भी कीमत नहीं रखती। लाख कोशिशों के बावजूद सरकार यह पता नहीं लगा पा रही कि बाजार में सिक्कों की कमी क्यों हो गई है?

मामले की तह तक जाने के लिए वित्त मंत्रालय और रिजर्व बैंक ने मिलकर आरबीआई के डिप्टी गर्वनर केसी चक्रबर्ती की अध्यक्षता में एक समिति गठित की है। यह समिति अगले माह रिपोर्ट पेश कर सकती है। वित्त मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इस मामले पर पहले भी तीन बैठक हो चुकी हैं लेकिन सिक्के गायब होने का ठोस कारण पता नहीं लगाया जा सका है।

माना जा रहा है कि हकीकत में सिक्कों की कमी नहीं है। बाजार में कृत्रिम कमी बनाई जा रही है. मॉल और खुदरा दुकानों पर सिक्कों की जरूरत ज्यादा होती है। सिक्कों के अभाव में उपभोक्ताओं को या तो ज्यादा कीमत अदा करनी होती है या फिर दुकानदारों की ओर से चलाई जा रही पर्ची का इस्तेमाल करना पड़ता है। या फिर सिक्कों से नकली जेवर बनाने का धंधा भी हो सकता है।

हालांकि सिक्का अधिनियम के तहत दुकानदारों या बाजारों में चलाए जा रहे अपने सिक्के आपराधिक दायरे में आते हैं, लेकिन मुंबई, दिल्ली समेत कई शहरों के बाजारों में इसका इस्तेमाल खूब हो रहा है। एक अनुमान के मुताबिक करोड़ों सिक्कों को निकालने के बावजूद इसकी कमी बाजार में बढ़ती जा रही है जबकि एक सिक्के की आयु कम से कम 10 साल की होती है।

जानकार मानते हैं कि पुराने सिक्कों को गलाने से प्राप्त धातुओं का इस्तेमाल दूसरी चीजों में हो पाता था, लेकिन नए स्टील के सिक्कों से ऐसा करना भी संभव नहीं है। गौरतलब है पिछले दिनो सिक्कों को गलाकर उनसे नकली आभूषण बनाने वाले गिरोह के एक सदस्य को पुलिस ने एक लाख 83 हजार रुपये के सिक्कों के साथ गिरफ्तार किया था। यह व्यक्ति इन सिक्कों को लेकर जयपुर जा रहा था जहां इनसे नकली आभूषण बनाने का काम होता है.

Comments
English summary
Shopkeepers asking customers to buy a toffee or a matchbox instead of asking for change is a common phenomenon these days. It seems as if coins of Re 1, Rs 2, and Rs 5 have suddenly disappeared from the market.
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X