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छत्‍तीसगढ़ की अन्‍नी थीं डूबते टाइटेनिक पर सवार

By Belal Jafri
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Titanic
नयी दिल्ली। आप विश्वास करें या नहीं लेकिन सत्य है कि इतिहास के सबसे चर्चित और आलीशान समुद्री जहाजों में शामिल टाइटेनिक की अंतिम यात्रा में शामिल यात्रियों में छत्तीसगढ़ के सुदूरवर्ती इलाके जांजगिर-चंपा की भी एक यात्री मौजूद थी। जांजगिर-चंपा में रहने वाली मिशनरी अन्नी क्लेममर फंक उन 1500 यात्रियों में शामिल थी जो 15 अप्रैल 1912 को टाइटेनिक पर सवार थे।

अन्नी अपनी बीमार मां से मिलने के लिये अमेरिका जा रही थी। अन्नी वर्ष 1906 में मेन्नोनाइट मिशनरी के रूप में अमेरिका से भारत आई थी और अपने जांजगिर-चंपा मिशन में सेवा की थी। वर्ष 1908 में उन्होंने एक कमरे का स्कूल और गरीब लड़कियों के लिये हास्टल खोला। प्रारंभ में उन्होंने 17 छात्रों को पढ़ाया। भारत प्रवास के दौरान अन्नी ने हिंदी सीखी थी । बाद में इस स्कूल का नाम अन्नी सी फंक मेमोरिअल स्कूल कर दिया गया। समय के साथ अन्नी के स्कूल की केवल एक दीवार बची है लेकिन उनकी कहानी अभी भी लोगों की जुबान पर है।

अन्नी के समय का एक फलक बचा हुआ है जो उनके बारे में संक्षिप्त लेकिन असाधारण जीवन और टाइटेनिक जहाज के डूबने से उनकी मौत के बारे में बताता है। यहां सेंट थामस स्कूल की प्रधानाचार्य सरोजिनी सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि यह मेमोरिअल स्कूल वर्ष 1960 तक चलता रहा लेकिन बाद में इसे किन्‍हीं कारणों से बंद कर दिया गया। टाइटेनिक की तरह की अन्नी की कहानी भी बहुत दुखद है।

जांजगिर-चंपा से अन्नी रेल के जरिये मुंबई पहुंची और इंग्लैंड जाने के लिये समुद्री जहाज पर सवार हो गई। उन्हें साउ‍थहैंम्‍पटन से एसएस हावफोर्ड जहाज से अमेरिका जाना था लेकिन कोयला मजदूरों की हड़ताल के कारण वह नहीं गया। उन्हें 13 पाउंड में टिकट बदलकर टाइटेनिक का टिकट दिये जाने का प्रस्ताव दिया गया जिसका नंबर था 237671।

गामिओ डॉट ओआरजी के मुताबिक उन्होंने अपना 38 जन्मदिन भी टाइटेनिक पर साथी यात्रियों के साथ मनाया था। 14 अप्रैल की दुर्भाग्यपूर्ण रात को टाइटेनिक बर्फ की चट्टान से टकरा गया और अन्नी को उनके केबिन में बताया गया। वह टाइटेनिक के डेक पर पहुंची जहां यात्रियों को जीवन रक्षक नौका पर बैठाया जा रहा था। अन्नी को बचाव नौका की एक सीट दी गई थी लेकिन उसी समय उन्होंने एक महिला को देखा जिसके हाथ में एक बच्चा था। क्योंकि नाव मैं केवल एक सीट थी इसलिये मिशनरी अन्नी ने उस महिला को सीट दे दिया ताकि दो लोगों की जान बचायी जा सके।

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English summary
Here is a talk with Anni of Chhattisgarh who was one of the passengers on Titanic in 1912.
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