टेबल पर लजीज व्यंजनों के लिए कम पड़ गई जगह
चाहे दक्षिण भारत का विशुद्ध मसाला डोसा हो या पूरब की मिठाई संदेश, सात रेस कोर्स में सजी खाने की मेज पर शायद सिर्फ जगह ही की कमी थी। शाकाहारियों के वास्ते पनीर जलफरेजी, मकई पालक, मूंग दाल तड़का और सब्ज बिरयानी के साथ कई तरह की रोटियां थाली की शोभा बढ़ा रहीं थी। खाने के मेन्यू में भारत के हर क्षेत्र का स्वादिष्ट खाना था । चाहे दक्षिण भारत का मिनी मसाला डोसा, मांसाहारी डोसा भी। पूरब की मिठाई संदेश हो या फिर उत्तर का लोकप्रिय कबाब हो ।खाने की शुरूआत ठंडे खरबूजे और पुदीने के सूप से हुई । उसके बाद सरसों के फूल, सब्ज शामी कबाबऔर मिनी मसाला डोसा पेश किये गये।
मांसाहार में जैतूनी मुर्ग सीक और गोश्त बर्रा कबाब शामिल किये गये । मिनी मसाला डोसा की मांसाहार किस्म भी पेश की गयी।उन्हें करेली दाल गोश्त, मटन, मुर्ग कोफ्ता मखनी, चिकन, सिकंदरी खुश्क रान और रोटी भी पेश की गयी । कच्ची गोश्त बिरयानी भी भोजन में शामिल थी। शाकाहारियों के लिए तोरी भुजिया, पनीर जलफरेजी और मकई पालक भी रोटी के साथ लगाये गये । मूंग दाल तडका और सब्ज बिरयानी भी पेश हुई । मीठे में गुड का संदेश, फिरनी, ताजे फल जरदारी और उनकी टीम को पेश किये गये । लजीज खाने के बाद प्रतिनिधिमंडल को चाय और काफी की भी पेशकश की गयी।