यूपी की बूढ़ी कांग्रेस को जवान बनायेंगे राहुल गांधी
इसके लिए वे पुराने नेताओं को दरकिनार कर नए और युवा नेताओं को तरजीह देंगे। इस कड़ी में संभव है कि कुछ बड़े नेताओं के पर भी कतरे जाएं।
सूत्रों ने बताय़ा कि समीक्षा बैठक के दौरान राहुल ने अपने तेवरों से पार्टी नेताओं को साफ कर दिया है कि अब वह न सिर्फ हार की जिम्मेदारियां तय करने की ठान चुके हैं, बल्कि बड़े बलिदान लेने का भी मन बना चुके हैं। उन्होंने इशारों ही इशारों में यहां तक कहा कि जिन नेताओं का जनाधार नहीं हैं, उन्हें जाना ही होगा।
दो दिन तक चली समीक्षा बैठक में कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह से लेकर केंद्रीय मंत्रियों की बयानबाजी, आपसी कलह और इन सबसे ऊपर कमजोर संगठन के असहयोग का मुद्दा ही हावी रहा। गुरुवार को 150 से ज्यादा हारे प्रत्याशियों और शुक्रवार को 28 विधायकों और पूर्व सांसदों से बातचीत के बाद आखिर में राहुल ने यूपी कोटे के मंत्रियों और सांसदों से चर्चा की।
बताया जा रहा है कि सबकी सुनने के बाद राहुल ने कहा कि अगर कोई मंत्री सोचता है कि वह गलती करते रहें और कोई कार्रवाई नहीं होगी तो ऐसा नहीं है। बाहरियों को टिकट का मुद्दा भी उठा, जिस पर राहुल का कहना था, कहां गलती हुई, वह समझते हैं। मगर बाहर से आए लोगों को वोट भी मिले हैं।
अब संगठन और केंद्रीय मंत्रियों पर कार्रवाई पर हामी भरवाने के बाद राहुल के अगले कदम पर सबकी निगाहें लगी हुई हैं कि अब राहुल कौन सा कदम उठाते हैं।