राहुल ने चिन्हित किये कांग्रेस की हार के तीन गुनहगार
इसलिए माना जा रहा है कि इन तीनों मंत्रियों पर गाज गिर सकती है। डेढ़ सौ से ज्यादा हारे हुए उम्मीदवारों ने राहुल गांधी को बताया कि पार्टी का संगठन एसपी और बीएसपी के मुकाबले मजबूत नहीं था। बल्कि केंद्रीय मंत्रियों सलमान खुर्शीद, श्रीप्रकाश जायसवाल और बेनी प्रसाद वर्मा के बयान के कारण कांग्रेस को नुकसान पहुंचा। मुसलमान को आरक्षण के मुद्दे पर स्पष्ट रूख नहीं होने के कारण ओबीसी और मुसलमान दोनों पार्टी से नाराज हो गए।
हालांकि यूपी में चुनावी नतीजे भले ही विपरीत आए हों, लेकिन राहुल गांधी और कांग्रेसियों के हौसले पस्त नहीं हैं। बैठक में राहुल गांधी को नेताओं ने 1977 में मैडम इंदिरा गांधी की करारी शिकस्त और फिर उनकी वापसी की याद दिलाई। इसके बाद राहुल ने भी कहा कि स्थानीय निकाय के चुनाव में और फिर लोकसभा चुनाव के लिए वे कमर कस लें। सभी का मानना था कि छह माह से ज्यादा उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी की सरकार प्रशासन नहीं संभाल पाएगी। लिहाजा हतोत्साहित होने की जरूरत नहीं, कांग्रेस फिर से वापसी करेगी। इस मौके पर राहुल गांधी ने सभी को ताकीद की कि आप सभी लोग लखनऊ-दिल्ली के चक्कर लगाना छोड़ें।
सपा का घोषणापत्र पढ़ें और उस पर अमल न हो पाने की स्थिति में आंदोलन करें। साथ ही केंद्रीय योजनाओं को लागू कराएं और प्रसार भी करें। राहुल ने अब स्थानीय निकाय के चुनाव के लिए अभी से तैयारी करने और लोकसभा चुनाव के लिए अपना दिमाग तैयार करने को कहा। साथ ही आश्वासन दिया कि संगठन को मजबूत करने के लिए कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी जाएगी। अंग्रेजी नहीं चलेगी, राहुल बोले हम और मिलेंगे।
राहुल गांधी के कार्यालय की हाईटेक या मल्टीनेशनल कंपनियों की तरह की कार्यप्रणाली पर भी बैठक में सवाल उठे। साथ ही राहुल गांधी या दूसरे बड़े नेताओं से मुलाकात में दिक्कतों पर अलीगढ़ से पूर्व सांसद रहे चौधरी विजेंद्र ने जिस तरह से उठाया, उसके बाद वहां कोई नेता अपनी हंसी नहीं रोक सका और सबने समर्थन किया। नतीजन, राहुल को कहना पड़ा कि वह ध्यान रखेंगे और सबसे संपर्क में रहेंगे। राहुल गांधी के कार्यालय में फोन करने पर रेलवे या दूसरी बहुराष्ट्रीय कंपनियों की तरह फोन पर विकल्प पूछने की व्यवस्था पर चौधरी विजेंद्र ने तीखा कटाक्ष किया।
उन्होंने कहा कि अंग्रेजी नहीं चलेगी। फोन करने पर कोई लड़की बोलती है कि इसके लिए ये बटन दबाओ..या कुछ और.. विजेंद्र ने साथ ही यह भी जोड़ा कि यह अंग्रेजी नहीं चलेगी। इस पर राहुल ने कहा कि हम और ज्यादा संवाद बढ़ाएंगे।