यूपी: खाकी पर खून की छीटें, लॉक अप में ग्रामीण की मौत
प्राप्त जानकारी के अनुसार खीरी के लोनियनपुरवा गांव में रविवार देर रात खीरी थाने के एसओ शिवाजी सिंह ने दल-बल के साथ भगवानी के घर पर दबिश दी। 55 वर्षीय भगवानी और उसके बेटे लालजी को थाने ले गए। दरअसल बच्चों के विवाद में भगवानी के सगे भाई सीताराम ने रिपोर्ट लिखाई थी। आरोप है कि पुलिस ने थाने में पिता-पुत्र की बेरहमी से पिटाई की। भगवानी ज्यादा देर पिटाई सहन नहीं कर सके।
उनकी हालत बिगड़ गई और उन्होंने दम तोड़ दिया। इसके बाद पुलिसकर्मियों ने मामले को छुपाने की कोशिश की। पुलिसवालों ने भगवानी को डायरिया का रोगी बताकर शव जिला अस्पताल पहुंचा दिया। घरवालों के आने पर मामला खुला। एसपी राजेंद्र सिंह ने आरोपी एसओ शिवाजी सिंह, एसआई बिंद्रा प्रसाद मिश्रा, सिपाही अवधेश सिंह सेंगर, अंकित कुमार, विक्रम प्रसाद को सस्पेंड कर दिया। भगवानी के शव का पोस्टमार्टम तीन डाक्टरों के पैनल से कराया गया।
खाकी की विश्वनीयता पर उठे सवाल
इन घटनाओं ने खाकी की विश्वनीयता पर सवालियां निशान लगा दिए हैं, क्योंकि खाकी के दामन पर दाग के साथ ही खून के छींटे भी पड़ रहे हैं। बता दें कि निघासन थाना परिसर में सोनम की हत्या के बाद शव को जमीन पर गिरे पेड़ की डाल से फांसी पर लटका दिया गया था। इस मामले के तूल पकड़ने पर निघासन थाने के एसओ समेत 11 पुलिसकर्मियों को निलंबित किया गया था।
इसके बाद एसपी भी कार्रवाई की जद में आकर रिवर्ट हो गए थे। 12 नवंबर 2011 की रात ढखेरवा चौकी पुलिस की हिरासत में युवक रंजीत की मौत हो गई। पिछली घटना से पुलिस ने कोई सबक नहीं लिया, बल्कि एक बार फिर हत्या को आत्महत्या में तब्दील करने का तरीका अपनाया और रंजीत की लाश को कार्यालय में ही फांसी पर लटका दिया था।