रूस में तोड़ा जाएगा सबसे बड़ा हिंदू मंदिर
सेंटर के अध्यक्ष सुरेन कारापेटियन ने कहा कि मध्यस्थ अदालत के मंगलवार (कल) के फैसले के बाद रूस के सबसे बड़े हिंदू मंदिर को तोड़ा जाएगा। उन्होंने भारत और रूस के राष्ट्रपति से तत्काल मदद प्रदान करने की मांग की है। कारापेटियन ने प्रेस ट्रस्ट से कहा कि हम भारत सरकार से किसी तरह के हस्तक्षेप की अपेक्षा कर रहे हैं क्योंकि हम रूस में भारतीय संस्कृति और परंपराओं की रक्षा कर रहे हैं।
हम रूस के राष्ट्रपति दमित्री मेदवेदेव से अपील करते हैं कि वह हमारे उद्देश्य में मदद करें और सांस्कृतिक केंद्र और मंदिर को तोड़े जाने से बचाएं। उन्होंने कहा कि हमें न्याय नहीं मिल रहा है और हमें अवैध तरीके से हटाया जा रहा है। हमारा 49 साल के लिए पट्टा समझौता है। पट्टा समझौते पर सरकारी संघीय शोध संस्थान के साथ 1992 में हस्ताक्षर किया गया था। अब उसे ज्वाइंट स्टॉक कंपनी जेएससी गॉसनिखिमनालित में परिवर्तित कर दिया गया है।
सेंट पीटर्सबर्ग में पश्चिमोत्तर जिले की संघीय मध्यस्थता अदालत ने 13 वीं मध्यस्थता अपील अदालत के फैसले को बरकरार रखा। 13 वीं मध्यस्थता अपील अदालत ने स्थानीय हिंदू संगठन वेदिक सोसाइटी ऑफ स्पिरिचुअल डेवलपमेंट और जेएससी गोसनिखिमनालित के बीच हुए पट्टा समझौते को रद्द कर दिया था। अदालत ने मंदिर को बचाने से इंकार कर दिया और किराए पर दिए गए परिसर से हिंदू मंदिर को हटाने का आदेश दिया है।