तो क्या 19 साल में विधायक बन गये थे राजा भैया?
इस बार के चुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर नामांकन के दौरान राजा भैया ने अपनी उम्र 38 साल बताई है। यानी कि वह जब पहली बार 1993 में विधायकी का चुनाव लड़े थे तो उनकी उम्र मात्र 19 साल थी। जबकि चुनाव लड़ने के लिए कम से कम व्यक्ति की उम्र 25 साल होनी चाहिए। यानी कि या तो तब और या तो अब राजा भैया ने झूठ बोला।
बीएसपी प्रशासन में पोटा के तहत जेल की हवा खा चुके राजा भैया को अखिलेश ने जेल की कमान सौंप दी है। जिसके बाद लोगों के जेहन में यही सवाल गूंज रहा है कि आखिर प्रदेश में कानून व्यवस्था कैसे ठीक होगी जिसकी कमान उन हाथों में जो खुद कानून का मजाक उड़ाते हैं।
खैर राजा भैया रिकार्ड तोड़ मतों से जीत चुके हैं और मंत्री भी बन चुके हैं। इसलिए अब उनके खिलाफ आवाज कौन उठाता है यह देखना दिलचस्प होगा? लेकिन इतना तो तय है कि अगर राजा भैया के खिलाफ इस बात पर केस किया जाता है तो वो संविधान से खिलवाड़ के दोष में जेल भी जा सकते हैं।