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अब बच्चे पढ़ेंगे ‘अन्न बचाओ’ का पाठ

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School Children
दिल्ली ( ब्यूरो)। भोजन और अनाज की बर्बाजी रोकने की म‌ुह‌िम अब बच्चों को भी शाम‌िल ‌क‌िया जाएगा। निजी और सरकारी समारोहों में भोजन की बर्बादी से चिंतित सरकार ने अब बच्चों को स्कूल में ही इसके प्रति सचेत करने का फैसला किया है। प्रतिवर्ष लगभग 40 प्रतिशत भोजन देश में बर्बाद होता है जिसके लिए विवाह समारोह, पार्टियां और सरकारी कार्यक्रम समेत होटल व रेस्टोरेंट जिम्मेदार हैं।

यही वजह है कि मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने स्कूलों के पाठ्यक्रम में इसे मुद्दे को एक अध्याय के रूप में शामिल करने को कहा है। एनसीईआरटी, सीबीएसई समेत राज्यों के शिक्षा बोर्ड मंत्रालय के निर्देश की तामील में जुट गए हैं। सभी को माध्यमिक व उच्चतर माध्यमिक स्तर में राष्ट्रीय पाठ्यक्रम रूपरेखा के तहत बच्चों को यह शिक्षा देने को कहा गया है। सरकारी व निजी कार्यक्रमों में भोजन सहित अन्य स्तर पर खाद्यान को नुकसान से बचाने के लिए एनसीईआरटी और सीबीएसई ने सामान्य पृष्ठभूमि के तहत कक्षा तीन और चार में एनवायरमेंट स्टडीज के पाठ्यक्रम में शामिल किया जाएगा, जबकि कक्षा छह व नौ में विज्ञान की किताब में बच्चों को इस संबंध में शिक्षा दी जाएगी। वहीं कक्षा 10 और 12 में अनिवार्य विषय स्वास्थ्य एवं शारीरिक शिक्षा में अन्न बचाओ के पाठ को स्थान मिलेगा। याद रहे कि हाल ही में राज्यों को केंद्र सरकार ने इस मुद्दे पर केंद्रीय दिशा-निर्देशों को लागू करने को कहा था। दरअसल, कई राज्यों ने पहले से खाद्य सामग्री के नुकसान के बचाव में नियम बनाए हैं, जिसके चलते केंद्रीय अभियान की हवा निकलने लगी। इसी वजह से केंद्र ने राज्यों को अपने तौर-तरीकों से चलने को कहा है।

खाद्य मंत्रालय को मानव संसाधन मंत्रालय ने इस संबंध में अभी तक उठाए गए कदमों की जानकारी देते हुए साफ किया है कि एनसीईआरटी, सीबीएसई इस मुद्दे को पाठ्यक्रम में शामिल करने के लिए जुट गए हैं, जबकि राज्यों के बोर्ड इस मामले में ना-नुकुर कर रहे हैं। उनसे भी बातचीत चल रही है। भोजन की बर्बादी को रोकने के लिए शिक्षा मंत्रालय सभी राज्य सरकारों को माध्यमिक एवं उच्चतर माध्यमिक शिक्षा में इस संबंध में कदम उठाने को पहले ही कह चुका है।

मिजोरम ने तो इसी वर्ष से खाद्य बचाव के महत्वपूर्ण मुद्दे को बच्चों की किताबों डालने का निर्णय ले लिया है। राष्ट्रीय हित को ध्यान में रखते हुए खाद्य मंत्रालय ने भी राज्य सरकारों से बच्चों को अन्न को नुकसान से बचाने का पाठ पढ़ाने की अपील की है। गौरतलब है कि प्रतिवर्ष लगभग 40 प्रतिशत भोजन देश में बर्बाद होता है जिसके लिए विवाह समारोह, पार्टियां और सरकारी कार्यक्रम समेत होटल व रेस्टोरेंट जिम्मेदार हैं।

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English summary
Movement for save food will now taught in schools. Government concerned about Food waste in Private and official functions. So it decided to teach kids from schools.
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