कांग्रेस विरोधी सुब्रह्मण्यम एनडीए के स्वामी बने
संसद के बजट सत्र को लेकर रणनीति बनाने के लिए हुई एनडीए की बैठक में इस प्रस्ताव को हरी झंडी दिखा दी गई। एनडीए ने लोकपाल, कालाधन, भ्रष्टाचार व महंगाई समेत 30 मुद्दों पर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने का ऐलान किया है। एनडीए ने साफ कर दिया है कि राज्यसभा की कार्यवाही लोकपाल विधेयक पर जहां अधूरी छूटी थी, वहां से ही आगे बढ़ाई जाए।
पांच राज्यों के चुनाव के बाद बदले राजनीतिक समीकरणों के मद्देनजर एनडीए अब अपना कुनबा बढ़ाने का भी प्रयास करेगा। एनडीए के संयोजक शरद यादव ने कहा कि किसानों की आत्महत्याएं आज भी रुकी नहीं है, महंगाई, बेरोजगारी भी यथावत है। इसलिए इन मुद्दों को उठाया जाएगा। कपास के निर्यात पर रोक लगाने का मुद्दा भी उठाया जाएगा। इससे पहले भाजपा नेताओं की भी बजट सत्र को लेकर बैठक हुई। भाजपा काला धन पर श्वेतपत्र लाने की मांग पहले ही कर चुकी है।
अब कालधन पर चर्चा की मांग करेगी। नार्वे में दो छोटे बच्चों को सरकारी हिरासत में रखने का मुद्दा प्राथमिकता से उठाएगी। एनसीटीसी और संघीय ढांचे पर प्रहार पर केंद्र सरकार को कटघरे में खड़ा करने की कोशिश करेगी। इसके अलावा चुनाव में केंद्रीय मंत्रियों की ओर से चुनाव आचार संहिता व चुनाव आयोग के आदेशों का उल्लंघन जैसे मुद्दों पर बहस की मांग करेगी।
इधर, स्वामी को एनडीए में लाने के लिए भाजपा प्रयासरत थी। सेतुसमुद्रम परियोजना के बाद टूजी मामले में स्वामी की भूमिका से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ बेहद खुश है। संघ के अलावा भाजपा अध्यक्ष नितिन गडकरी भी स्वामी को एनडीए का हिस्सा बनाने के पक्षधर रहे हैं। संघ स्वामी को भाजपा में लाने के लिए भी तैयार था, लेकिन उनके भाजपा में आने की राह में एक पुरानी व बड़ी बाधा कायम रही है। स्वामी ने कभी पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी पर गंभीर आरोप लगाए थे, इसलिए स्वामी को सीधे भाजपा में लाने की बजाए एनडीए का हिस्सा बना दिया गया।