नोएडा रेप के सभी आरोपी 14 दिन की हिरासत में
केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री कृष्णा तीरथ ने बताया कि आईपीसी के सेक्शन 228 के तहत दुराचार जैसे मामलों में पीड़ित खासकर नाबालिग के नाम व परिचय का खुलासे की मनाही है। वर्ष 2000 में किशोरों के लिए बने कानून केयर एण्ड प्रोटेक्शन ऑफ चाइल्ड, के सेक्शन 21 में भी नाबालिग बच्चों के ऐसे मामलों को सार्वजनिक किए जाने की मनाही है। यह कानून बच्चों के भविष्य में किसी तरह के अपराधीकरण से बचाने व व सामान्य जिंदगी जीने के लिए बनाए गए हैं।
कृष्णा तीरथ ने कहा कि वे प्रदेश सरकार से दोषी पुलिस अफसरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की उम्मीद तो करती ही हैं साथ ही वे नेशनल कमीशन फार प्रोटेक्शन ऑफ चाइल्ड राइट्स (एनसीपीसीआर) के अध्यक्ष की रिपोर्ट मिलने के बाद सीधे कार्रवाई के लिए जरुरी कदम उठाएंगी। महिला एवं बाल विकास मंत्री ने कहा कि वे जल्द ही गृहमंत्रालय को भी इस तरह की देश में होने वाली घटनाओं को रोकने के लिए जरुरी कदम उठाने के लिए पत्र भेजेंगी। उन्होंने महिलाओं एवं बच्चों के लिए बनाए गए कानूनों की पुलिस तथा मीडिया को ज्यादा से ज्यादा जानकारी दिए जाने पर जोर दिया जिससे कि इस तरह की घटना दुबारा न हो। उन्होंने उत्तर प्रदेश सरकार से नोएडा की घटना के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ की गई कार्रवाई की रिपोर्ट भी मांगी है।
गौरतलब है एक युवक ने नाबालिग गर्ल फ्रेंड को जन्मदिन की पार्टी में बुलाया। वहां अपने दोस्तों के साथ मिल कर दसवीं की इस छात्रा को जबरन शराब गटका दिया , डांस किय । फिर नशा होने पर सभी लांग ड्राइव के नाम पर कार में घूमने निकले, लेकिन रास्ते में पांचों ने उसके साथ रेप कर दिया। एक साल पहले भी उसे बरगला कर इनमें दो युवकों ने उसके साथ कई बार रेप किया था। एक साल बाद फिर उसे झांसे में लेकर रेप कर दिया। पुलिस ने इस मामले में रविवार को ही को राहुल, सुनील, हिमांशु एवं सौरभ को गिरफ्तार किया था। एक को सोमवार को गिरफ्तार किया और सभी को न्यायालय में पेश किया, जहां से उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया।