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इस बार और ज्‍यादा तीव्र होगा जाट आंदोलन

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Jats
हिसार। पिछले साल का जाट आंदोलन आपको याद होगा, जिसमें पूरे उत्‍तर भारत की ट्रेनों के पहिये जाम पड़ गये थे। रेलवे स्‍टेशनों पर हाहाकार मचा हुआ था। यात्री बेहाल थे। अगर सरकार ने जाटों के आरक्षण पर अपना निर्णय नहीं सुनाया, तो इस बार भी कुछ ऐसा ही होने वाला है। बक्लि यूं कहिये कि इस बार का आंदोलन पिछली बार से ज्‍यादा तीव्र होगा।

आरक्षण की मांग को लेकर मैयड़ में आयोजित जाट समुदाय की रैली में पिछले वर्ष समुदाय के लोगों के विरुद्ध दर्ज पुलिस मामलों को वापिस लेने की मांग पर आंदोलन तेज करने की चेतावनी दी गई और रैली में ही गठित 24 सदस्यीय समिति ने फैसला लिया कि अगर सरकार या प्रशासन इस किस्म का विश्वास नहीं दिलाता है तो आंदोलन आज से ही शुरू कर दिया जाएगा। समिति के प्रदेश अध्यक्ष धर्मपाल धारीवाल ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि जाट समाज को आरक्षण देने की मांग आज की नहीं बल्कि वर्षों से चल रही है। जब भी समुदाय के लोगों ने आंदोलन किया तो उन्हें शांत करने के लिए सरकार ने उनको केवल आश्वासन देकर आंदोलन को स्थगित करवा दिया और बाद में कुछ भी नहीं किया।

उनका कहना है कि इस बार समुदाय एकजुट होकर अपनी मांग को हर हाल में मनवाएगा। उन्होंने कहा कि जाट समुदाय के लोगों ने न तो पहले कोई हिंसात्मक काम किया है और न ही अब करेगा। वह अपने आंदोलन को शांतिपूर्ण तरीके से ही करेंगे। समुदाय को आरक्षण मिलने की मांग को लेकर भले ही सभी जाट समितियां एकमत हो, लेकिन आरक्षण की मांग को मनवाने की रणनीति को लेकर मतभेद हैं। यह आज आरक्षण रैली में भी स्पष्ट रूप से दिखा। रैली में अपेक्षाकृत कम लोग थे और कुछ बुजुर्गों ने तो पहले के आंदोलन की तुलना में इसे बहुत फीका बताया। लोगों ने समिति के गुट होने को भी गलत ठहराया और कहा कि समुदाय जब तक बिखरा रहेगा, सरकार पर अपनी मांग मनवाने का दबाव बनाना मुश्किल होता जाएगा।

रैली के दौरान कुछ लोगों ने हवा सिंह सांगवान और दलजीत पंघाल के बारे में भी जानकारी लेनी चाही और उन्हें अभी भी एक मंच पर इकठ्ठा होकर आंदोलन करने की अपील की। जाट समुदाय के युवा आज मैयड़ की जाट आरक्षण रैली में सुबह के समय अपेक्षाकृत कम नजर आए। दोपहर तक युवा बढऩे लगे। इसका एक मु य कारण महाबीर स्टेडियम में होने वाली सेना भर्ती रैली थी। जैसे-जैसे युवा इस रैली से निकले, वे मैयड़ रैली में पहुंचते गए। मगर जब तक वे पहुंचे, तब तक रैली को खत्म करने का समय नजदीक होता जा रहा था।

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English summary
Jats from Haryana as well as Western Uttar Pradesh have announced that this time their agitation would be more active. They appealed all the Jats to participate in the movement.
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