धोखाधड़ी मामले में अजहरुद्दीन के खिलाफ वारंट
सटेरियों से पैसे लेकर भारत को मैच हरवानेवाले अदालत ने चेक वापसी के मामले में पूर्व क्रिकेटर एवं कांग्रेस सांसद अजहरुद्दीन के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया है। आरोप है कि अजहरुद्दीन ने संपत्ति खरीदने की एवज में तीन करोड़ रुपये के चेक दिए लेकिन उनका भुगतान नहीं हुआ। साकेत स्थित अदालत के मैट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट विक्रांत वैद्य ने अजहरुद्दीन के बार-बार समन व जमानती वारंट जारी करने के बावजूद पेश न होने के रवैये को गंभीरता से लिया। अदालत ने कहा कि सभी तथ्यों को देखने से स्पष्ट है कि अजहरुद्दीन जानबूझ कर अदालत के आदेश की अनदेखी कर रहे हैं। अत: अदालत में पेशी सुनिश्चित करने के लिए गैर जमानती वारंट करना जरूरी है।
अदालत ने पुलिस को निर्देश दिया कि उन्हें गिरफ्तार कर अदालत में पेश किया जाए। पेश मामले के अनुसार, अजहरुद्दीन ने वर्ष 2008 में संजय सोलंकी से संपर्क कर मुंबई की एक संपत्ति बेचने को कहा था। सोलंकी ने उन्हें आश्वासन दिया कि उक्त संपत्ति बिकवा देगा। उसने अजहरुद्दीन को अग्रिम राशि के रूप से डेढ़ करोड़ रुपये दे दिए। करीब छह माह बाद अजहरुद्दीन ने संपत्ति बेचने से इंकार कर दिया। दोनों के बीच समझौता हुआ कि संजय को हुए नुकसान की एवज में अजहरुद्दीन उसे कुल तीन करोड़ रुपये देंगे।
अजहरुद्दीन ने संजय को डेढ़-डेढ़ करोड रुपये के दो चेक दे दिए। सोलंकी ने चैक बैंक में जमा करवाए तो अजहरुद्दीन के खाते में पैसे न होने से चेक बिना भुगतान के वापस आ गए। इसके बाद दोनों पक्षों में बातचीत हुई, लेकिन पैसे न मिलने पर सोलंकी ने पिछले वर्ष साकेत कोर्ट में अजहरुद्दीन के खिलाफ केस कर दिया। अदालत ने सितंबर 2011 को समन किया, लेकिन अजहरुद्दीन पेश नहीं हुए। इसके बाद पुन: समन और फिर जमानती वारंट जारी किया गया, लेकिन फिर भी वे पेश नहीं हुए।