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सीएमओ हत्‍याकांड में माया ने चुप रहने को कहा था: कुशवाहा

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लखनऊ। बसपा मुखिया मायावती की जनसभा के ठीक दूसरे दिन उसी मैदान पर कभी उनके खास रहे पूर्व मंत्री बाबू सिंह कुशवाहा भी गरजे। जनसभा में एनआरएचएम घोटाले में खुद को निर्दोष बताते हुए मुख्यमंत्री सहित नसीमुद्दीन तथा आईएएस अधिकारियों को कठघरे में खड़ा किया। उन्होंने कहा कि दो सीएमओ की हत्या साजिश के तहत करायी गई और जब इस साजिश को मुख्यमंत्री से बताया तो कहा चुप रहो। घोटाले पर अपने को निर्दोष बताते हुए कहा कि मेरे कार्यकाल में कोई फाइल मेरे पास आई ही नहीं और न ही मेरे किसी फाइल पर हस्ताक्षर हैं।

अतर्रा के हिंदू इंटर कालेज मैदान में आयोजित जनसभा में पूर्व मंत्री ने बसपा पर निशाना साधते हुए कहा कि सामाजिक परिवर्तन एवं बहुजन की बात करने वाली बसपा असल में मानसिक रूप से कुंठित है। 27 साल बसपा को न्यौछावर करने के बाद मंत्री नसीमुद्दीन, कैबिनेट सचिव शशांक शेखर व प्रमुख गृह सचिव कुंवर फतेहबहादुर ने साजिश रच पार्टी से निकलवाया और एफआईआर दर्ज करवाई। एनआरएचएम घोटाले की बाबत उन्होंने कहा कि एनआरएचएम योजना 2005 में सपा सरकार के कार्यकाल में शुरू हुई।

इसमें दो-दो सीएमओ मौत की भेंट चढ़ा दिये गये। मैंने इस्तीफा दिया, जबकि दोनों बार एक भी आला अधिकारी को हटाने की कार्रवाई तक नहीं की गई। केंद्र की कांग्रेस सरकार के साथ सपा, बसपा को कठघरे में खड़ा करते हुए कहा कि दिखावे के लिए विरोध है, जबकि सपा-बसपा दोनों कांग्रेस को समर्थन दे रहे हैं। जब चुनाव की घोषणा होने वाली थी तब कांग्रेस ने पिछड़ों के लिए 27 प्रतिशत आरक्षण से काटकर 4.5 प्रतिशत मुस्लिमों को देने की घोषणा की।

जबकि 27 में सभी पिछड़े मुस्लिम, ईसाई भी थे। सपा-बसपा भी पिछड़ों के साथ वोटों के लालच में साजिश रच रहे हैं। सिर्फ भाजपा ने इस तरह आरक्षण से काटकर आरक्षण देने का विरोध किया इसी नीति के कारण भाजपा में मैं शामिल हुआ था। भाजपा ही कह रही है कि पिछड़ों के साथ धोखा किया जा रहा है। भाजपा ने भरोसा दिलाया है कि केंद्र व प्रदेश में सरकार आने पर काटे गये आरक्षण को लागू नहीं होने देंगे। भाजपा ही है जिसने पहला मुख्यमंत्री पिछड़ी जाति का बैठाया था।

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English summary
The Lucknow Bench of the Allahabad High Court today dismissed a writ petition seeking action against expelled BSP minister Babu Singh Kushwaha for changing his name.
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