चुनाव बाद भी सुलग रही उत्तराखंड भाजपा में आग
निशंक और खंडूरी का आपसी तनाव उसी दिन से है जब निशंक को हटाकर खंडूरी को मुख्यमंत्री बनाया गया था। चुनावी प्रचार में यह खुलकर दिखा था। प्रदेश में ऐसे लोगों को पार्टी ने निकाला या निलंबित किया गया है जिन्हें पार्टी के खिलाफ कार्य करते देखा गया था। ऐसे में पिछले रविवार और सोमवार को दिल्ली में मौजूद निशंक ने राष्ट्रीय अध्यक्ष नितिन गडकरी, लालकृष्ण आडवाणी, अरुण जेटली समेत कुछ नेताओं से मिलकर शिकायत की थी कि पार्टी के अंदर ही एक खेमा उन्हें हराने की कोशिश कर रहा था।
अब उन लोगों को प्रताडि़त किया जा रहा है जो उनके समर्थक माने जाते हैं। मंगलवार को खंडूड़ी दिल्ली पहुंच चुके हैं। बताते हैं कि बुधवार को सरकारी कामकाज निपटाने के बाद वह केंद्रीय नेतृत्व से मुलाकात करेंगे। बताते हैं कि वह चुनाव के दौरान निशंक और उनके समर्थकों के पार्टी विरोधी कामकाज का सबूत लेकर पहुंचे हैं। सूत्र बताते हैं कि खंडूरी का पलड़ा भारी है क्योंकि पार्टी नेतृत्व ने ही उन्हें मुख्यमंत्री उम्मीदवार घोषित किया था। कोटद्वार में निशंक और उनके समर्थकों के खिलाफ कोई ठोस सबूत पेश किया गया तो उनके लिए मुश्किलें बढ़ेंगी।