ये है चुनावी फंडा, छलकेगा जाम तो मिलेंगे वोट
इस मामले को लेकर कांग्रेस और बीजेपी कार्यकर्ताओं के बीच मारपीट तक हो गई। कांग्रेस कार्यकताओं ने मुख्यमंत्री बीसी खंडूरी पर आरोप लगाया कि उनके सहयोगी लोगों के घर जाकर उन्हें शराब पिला रहे हैं और उनसे वोट मांग रहे हैं।
वैसे शराब पिलाकर वोट मांगने का किस्सा केवल उत्तराखंड का ही नहीं है। यह फॉर्मूला पंजाब में सबसे ज्यादा हिट है। यहां तो चुनाव के दौरान प्रचार में हजारों लीटर शराब की खपत हुई है। पुलिस की मुस्तैदी की वजह से हजारों लीटर शराब जब्त भी की गई है। यहां देसी से लेकर अंग्रेजी हर तरह की शराब का सेवन चुनावी माहौल में हो रहा है।
उत्तर प्रदेश में भी वोटरों को लुभाने के लिए शराब का फार्मूला सुपरहिट है। यहां कई जगह पुलिस ने शराब की फैक्ट्रियां जब्त की हैं। यानिकि देसी शराब बनाने के लिए लोग भट्टी का इस्तेमाल धड़ल्ले से कर रहे हैं। हर दिन हजारों लीटर शराब की खपत हो रही है। जिसका हिसाब-किताब चुनाव आयोग भी नहीं ले रहा है।
वैसे इस चुनावी माहौल में पीने वाले और पिलाने वाले दोनों ही खुश हैं। इसका फायदा कुछ पियक्कड़ों को खूब मिल रहा है। ये ऐसे लोग हैं जो सभी प्रत्याशियों को वोट देने का वादा कर जाम से जाम टकराते हैं। अब देखना है कि चुनावों में वोट हासिल करने के लिए शराब का सहारा लेने वाले प्रत्याशियों की खुमारी इस शराब से उतरती है या चढ़ती है।