मणिपुर को गंभीर समस्याओं से उबारने के लिए मतदान शुरु
हाल ही में चुनाव प्रचार के दौरान ग्रेनेड ब्लास्ट के कारण सभी सुरक्षा एजेंसियों को यहां अलर्ट कर दिया गया है। मणिपुर से लगे मयानमार से भले ही भारत के मैत्रीय संबंध हैं, लेकिन माना जाता है कि मणिपुर से सटे बॉर्डर पर उग्रवादियों के अड्डे हैं। लिहाजा चुनाव के वक्त वे किसी भी समय हमला कर सकते हैं। इसे देखते हुए बॉर्डर पर हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है।
क्या हैं मणिपुर की समस्याएं-
1.
पलायन-
यह
राज्य
पूर्वोत्तर
के
पिछड़े
राज्यों
में
से
एक
है,
जहां
से
हर
साल
हजारों
लोग
देश
के
अन्य
भागों
के
लिए
पलायन
कर
जाते
हैं।
2.
उग्रवादियों
से
खतरा-
मयानमार
की
ओर
से
उग्रवादियों
द्वारा
यहां
आये
दिन
आतंकी
वारदातें
होती
रहती
हैं।
इससे
यहां
के
विकास
कार्यों
में
बाधा
पहुंचती
है।
3.
ड्रग्स-
पड़ोसी
देश
से
यहां
पर
ड्रग्स
और
हथियार
की
सप्लाई
भी
होती
है,
हालांकि
भारतीय
सुरक्षा
एजेंसियों
ने
इस
पर
काफी
लगाम
कस
ली
है।
4.
बिजली-
प्रदेश
की
राजधनी
इंफाल
तक
को
महज
दो-चार
घंटे
बिजली
मिली
है,
बाकी
के
शहरों
की
क्या
हालत
होगी
आप
समझ
सकते
हैं।
5.
उग्रवादियों
के
डर
से
यहां
के
सिनेमाघरों
में
हिन्दी
फिल्में
नहीं
चलतीं।
केबल
टीवी
हिन्दी
कार्यक्रम
नहीं
दिखाते
और
न
ही
यहां
हिन्दी
अखबार
आते
हैं।
6.
स्वास्थ्य
सेवाएं-
देश
के
इस
इलाके
में
छोटी-मोटी
बीमारियों
के
लिए
तो
अस्पताल
हैं,
लेकिन
मल्टीस्पेशियलिस्ट
अस्पताल
एक
दो
ही
हैं।
ग्रामीण
क्षेत्रों
में
स्वास्थ्य
केंद्र
भी
बड़ी
मुश्किल
से
मिलते
हैं।
7.
एड्स-
देश
में
मणिपुर
ऐसा
राज्य
है,
जहां
एचआईवी
एड्स
सबसे
तेजी
से
बढ़
रहा
है।
इसका
मुख्य
कारण
युवाओं
का
पलायन
है।
8.
शिक्षा-
यहां
की
शिक्षा
व्यवस्था
की
हालत
काफी
खराब
है।
डिग्री
कॉलेजों
व
व्यवसायिक
संस्थानों
की
कमी
के
कारण
युवाओं
को
बाहर
जाना
पड़ता
है।
ऐसी
तमाम
समस्याओं
से
पूर्वोत्तर
का
यह
राज्य
जूझ
रहा
है।
आपको
क्या
लगता
है
इस
चुनाव
के
बाद
राज्य
की
हालत
में
सुधार
होगा।
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