सीआरपीएफ को लगातार दूसरे बार मिला वीरता पुरस्कार
माओवादी विरोधी अभियान में 70 हजार से अधिक सीआरपीएफ जवान तैनात हैं। सीआरपीएफ के सहायक कमांडेंट रविन्द्र के सिंह एकमात्रा ऐसे गैर सैन्य अधिकारी हैं जिन्हें, शौर्य चक्र हासिल हुआ है। इस केन्द्रीय बल को लगातार दूसरे साल यह गौरव हासिल हुआ है। पिछले साल सीआरपीएफ के कोबरा कमांडो अशीष तिवारी को वीरता मेडल दिया गया था।
सीआरपीएफ के चार अन्य कर्मियों को राष्ट्रपति के पुलिस मेडल से सम्मानित किया गया है। इन्होंने नक्सल विरोधी कार्रवाई में जबर्दस्त बहादुरी का परिचय दिया है। एक अधिकारी ने भाषा को बताया कि नक्सलियों के खिलाफ कार्रवाई में अपना बायां पैर गंवाने वाले रविन्द्र सिंह को सीआरपीएफ में काफी सम्मान की नजर से देखा जाता है क्योंकि उन्होंने दांतेवाडा जैसी एक घटना को होने से रोका।
छत्तीसगढ
के
दांतेवाडा
में
2010
में
नक्सलियों
ने
सुरक्षाबलों
पर
घात
लगाकर
हमला
किया,
जिसमें
सीआरपीएफ
के
75
जवान
मारे
गये
थे।
उन्होंने
बताया
कि
पिछले
साल
झारखंड
के
लोहरदग्गा
में
नक्सलियों
ने
सुरक्षाबलों
पर
घात
लगाकर
हमला
किया
था।
उन्होंने
एक
साथ
192
बारूदी
सुरंगों
में
विस्फोट
किया,
जिससे
11
पुलिसकर्मी
मारे
गये
और
44
अन्य
घायल
हो
गये
थे।