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पीएम देंगे 12 साल की बच्‍ची को वीरता पुरस्‍कार

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Prime Minister Manmohan Singh with Wife
दिल्ली (ब्यूरो)। 2011 के राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार के लिए आठ लड़कियों और 16 लड़कों को चुना गया है। इनमें से पांच को मरणोपरांत यह पुरस्कार दिया जाएगा। गीता चोपड़ा पुरस्कार पाने वाली मित्तल पाटडिया (12) की असल जिंदगी फिल्मी कहानी जैसी लगती है। वह अपने असल माता-पिता के पास नहीं बल्कि बुजुर्ग सिंधी दंपति कविता (65) और शिवकुमार तहिलयानी के पास पल रही है। बदमाशों के हमले से घायल मित्तल के घाव को 351 टांकों से बंद किया गया है।

गुजरात निवासी बहादुर बच्ची मित्तल की कहानी बड़ी अजब है। जब मित्तल दो दिन की थी तो उसने कविता की चुन्नी को पकड़ लिया। काफी प्रयास के बाद से चुन्नी को अलग किया गया। तबसे मित्तल का बुजुर्ग दंपति से ऐसा लगाव हुआ कि दो साल की उम्र से वह इनके पास ही रह रही है। मित्तल ने बताया कि तीन नवंबर 2010 की सुबह घंटी बजने पर कविता दादी ने दरवाजा खोला। बाहर उस इलाके का ऑटो ड्राइवर दो अन्य लोगों के साथ खड़ा था।

उसके पानी मांगने पर मित्तल पानी लेने चली गई। इतने में बदमाशों ने दादी को धक्का देकर दरवाजा बंद कर दिया। बदमाशों ने दादी के गर्दन पर चाकू रखकर पैसे और बहुमूल्य सामान की जानकारी मांगी। यह नजारा देखकर मित्तल ने बदमाश का बाल पकड़कर घसीटा और उसे काट लिया। बदमाशों ने मित्तल को चाकू से गोदकर जख्मी कर दिया, फिर भी मित्तल ने पकड़ ढीली नहीं की।

बदमाशों से लड़ते हुए मित्तल ने दरवाजा खोल दिया जिससे बदमाश पकड़े गए। मित्तल को पालने वाली दादी कविता ने बताया कि ऐसा लगा कि दुर्गा मां के अवतार ने ही उन्हें बचाया है। शायद इससे हमारा पहले जन्म का कोई नाता है और कोई पुराना कर्ज जिसे बच्ची ने अदा कर दिया है। हैरानी की बात यह है कि एक दिन पहले ही ऐसी घटना मित्तल ने टीवी सीरियल में देखी थी जिससे उसे ऐसा करने की प्रेरणा मिली। वह बड़ी होकर डॉक्टर बनना चाहती है।

प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह गणतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर इन बच्चों को वीरता पुरस्कार से सम्मानित करेंगे। ये बहादुर बच्चों राजधानी के ऐतिहासिक राजपथ पर होने वाले गणतंत्र दिवस परेड में भी भाग लेंगे। उत्तराखंड के मास्टर कपिल सिंह नेगी को भारत पुरस्कार (मरणोपरांत) प्रदान किया जाएगा। संजय चोपडा पुरस्कार के लिए उत्तर प्रदेश के 12 वर्षीय ओम प्रकाश यादव को चयनित किया गया है। मास्टर ओम प्रकाश ने जलते स्कूल वैन से अपने स्कूल के एक दोस्त की जान बचाई थी।

पुरस्कार पाने वाले अन्य बच्चों इस प्रकार हैं। मास्टर वाई अमर उदय किरण और मास्टर एस शिव प्रसाद (आंध्र प्रदेश), मास्टर रंजन प्रधान और कुमारी शीतल साध्वी सलुजा- (छत्तीसगढ़), कुमारी दिव्याबेन मनसंगभाई चौहान (गुजरात) मास्टर संदेश पी हेगडे और कुमारी सिंधुश्री बी.ए (कर्नाटक) मास्टर मोहम्मद निशाद वी पी. मास्टर अंसिफ सी के और मास्टर सहसाद के (केरल) मास्टर जॉनसन तुरंगबम एवं मास्टर क्षेत्रिमयम राकेश सिंह (मणिपुर) मास्टर सी ललदुहौमा "मरणोपरांत" (मिजोरम) कुमारी प्रशांत शांडिल्य (ओडिशा) मास्टर डुंगर सिंह (राजस्थान) मास्टर जी परमेश्वरन (तमिलनाडु) कुमारी लवली वर्मा "मरणोपरांत" उत्तर प्रदेश और कुमारी सौधिता बर्मन "मरणोपरांत" पश्चिम बंगाल।

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English summary
24 children including eight girls and 16 boys have been selected for the National Bravery award for 2011. Five awards have been given posthumously.
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