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दिल्‍ली में वृद्धा की हत्या कर बदमाशों ने की लूटपाट

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Murder
दिल्ली। मयूर विहार फेज-1 के डीडीए फ्लैट में बदमाशों ने 81 वर्षीय सरोजनी भरतवाल की लूटपाट के दौरान हत्या कर दी। हालांकि परिवार वालों का दावा है कि यह लूटपाट नहीं हत्या का ममला है। उनका शव बेडरूम में जमीन पर पड़ा मिला। नौकरानी के घर आने पर मामले की जानकारी हुई। घरवालों के मुताबिक 2008 में पति की मौत के बाद से सरोजनी यहां अकेली रहती थीं। शुरुआती जांच में पुलिस ने दो नौकरानियों समेत तीन लोगों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है। सरोजनी 88-बी, पॉकेट-4, मयूर विहार फेज-1 में रहती थीं। उनका इकलौता बेटा हेमेंद्र सिंह भरतवाल पत्नी और बेटी के साथ इंदिरापुरम में रहते हैं।

हेमेंद्र ब्रिटिश हाई कमीशन में पॉलिटिकल एडवाइजर हैं। अखबार में लिखने के अलावा सरोजनी कभी-कभार बच्चों को संगीत भी सिखाती थीं। घरेलू काम के लिए उनके यहां मंजू और सरोज आती थीं। मंगलवार को मंजू सुबह नौ बजे घर पहुंची तो उसने दरवाजा खुला पाया लेकिन उसे सरोजनी दिखाई नहीं दीं। मंजू लौट गई। इस बीच 11:15 बजे दूसरी नौकरानी सरोज आई। संदिग्ध लगने पर उसने कुछ पड़ोसियों को बुला लिया। सभी अंदर गए तो ड्राइंग रूम में सरोजनी का चश्मा और चप्पल पड़ा था जबकि बेडरूम में फर्श पर शव। घर का सारा सामान फैला हुआ था। अलमारियां और दीवान खुले थे। वृद्धा के शव को पोस्टमार्टम के लिए एलबीएस अस्पताल भेज दिया गया है। इस को लेकर पुलिस छानबीन में जुट गई है।

हत्या का मामला दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी गई है। मौके का मुआयना करने बाद लग रहा है कि बदमाशों की घर में फ्रेंडली एंट्री हुई है। वारदात में किसी जानकार का हाथ लगता है। बेशक सरोजनी के घर हर दूसरे या तीसरे दिन बीट कांस्टेबल आकर उनका हालचाल पूछता था, लेकिन पुलिस ने इस बात की जहमत तक नहीं उठाई कि कौन नौकरानी उनके घर काम करने आ रही है। करीब ढाई माह पहले से मंजू सरोजनी के घर काम करने आ रही थी और पुलिस को उसकी कानों-कान खबर नहीं थी। इस बात से जाहिर होता है कि पुलिस वरिष्ठ नागरिकों की सुरक्षा को लेकर कितनी गंभीर है। सरोजनी के रिश्तेदार आरएस भरतवाल ने बताया कि सरोजनी के घर करीब दस साल से चिल्ला निवासी सरोज काम के लिए आ रही थी। वह इतने ही समय से पड़ोस के एक दर्जन मकानों में काम करती है। किसी जानकार के जरिये कुछ समय पहले सरोजनी ने त्रिलोकपुरी निवासी मंजू को काम पर रखा था। मंजू उनके कपड़े धोने आती थी। दो माह से अधिक का समय बीतने के बाद भी पुलिस ने मंजू के बारे में पता करने की कोशिश नहीं की। भरतवाल ने बताया कि दिखावे के लिए पुलिस उनके घर तो आती रही। खुद एसएचओ अकसर उनके घर पर आ जाया करते थे। पुलिस मंजू और उसके पति को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है। पति की मौत के बाद से सरोजनी अकेली ही घर में रहती थीं। हफ्ते में एक या दो बार उनका बेटा घर आ जाया करता था। अकेले रहने की वजह से सरोजनी अपनी सुरक्षा को लेकर काफी सचेत रहती थीं। यही वजह थी कि यह सुनिश्चित करने के बाद ही (दरवाजे पर आया शख्स कौन है) दरवाजा खोलती थीं। आरडब्ल्यूए सदस्यों की मानें, तो अकेली होने के कारण हर दूसरे या तीसरे दिन बीट कांस्टेबल उनके घर आकर हालचाल पूछ लिया करता था।

रिश्तेदार आरएस भरतवाल ने बताया कि अपनी सुरक्षा को लेकर वह काफी सावधान रहती थीं। अच्छी तरह जांच पड़ताल के बाद ही वह अपना दरवाजा खोलती थी। पॉकेट-4 आरडब्ल्यूए के अध्यक्ष आरके सक्सेना ने बताया कि कॉलोनी में करीब 11 सिक्योरिटी गार्ड रहते हैं। हर लेन के लिए एक निजी गार्ड है। इसके अलावा अकसर पुलिस की भी गश्त यहां होती रहती है। यही वजह है कि हत्या में ऐसा कोई शख्स शामिल है जिसे सरोजनी अच्छी तरह से जानती थीं। पुलिस भी वारदात में किसी जानकार के हाथ होने की बात कर रही है।

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English summary
A 78-year-old woman was found found smothered at her Mayur Vihar Phase-I residence on Tuesday. Police said Sarojini Bartwal, a music critic, lived alone after her husband’s death in 2008.Police claim that it was a case of robbery gone wrong, but Bartwal’s family members are not convinced.
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