चीन में राजनयिक पर हमले को लेकर भारत सख्त
गौरतलब है कि चीन की एक अदालत में भारतीय राजनयिक बालाचंद्रन से बदसलूकी की गई। यह बताने के बावजूद कि वह डायबिटीज के मरीज हैं, उन्हें पांच घंटे तक अदालत में बैठने के लिए मजबूर किया गया। अदालत परिसर से बाहर निकलते वक्त कुछ स्थानीय व्यापारियों ने उनके व उनके साथ चल रहे भारतीयों से हाथापाई भी की। इससे भारतीय राजनयिक गश खाकर गिर पड़े। उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। शंघाई स्थित भारतीय वाणिज्य दूतावास में तैनात 46 वर्षीय एस बालचंद्रन दो भारतीयों की पैरवी के लिए अदालत गए थे।
मुंबई के रहने वाले दीपक रहेजा और श्याम सुंदर अग्रवाल को दो सप्ताह पहले यिवू शहर में स्थानीय व्यापारियों ने बंधक बना लिया था। दीपक और श्याम यहां यूरो ग्लोबल ट्रेडिंग कंपनी में काम करते थे। कंपनी का मालिक स्थानीय व्यापारियों का पैसा हजम कर फरार हो गया। स्थानीय व्यापारी दीपक और श्याम से उनकी रकम वापस लौटाने की मांग कर रहे थे। बीती 31 दिसंबर को इस मामले में दीपक और श्याम की पैरवी के लिए बालचंद्रन अदालत गए थे।
डायबिटीज के मरीज को थोड़े-थोड़े समय पर कुछ खाने-पीने की सलाह दी जाती है। लेकिन, उन्हें पांच घंटे तक भूखे-प्यासे अदालत में बैठना पड़ा। बेचैनी महसूस करने पर उन्होंने अदालत से बाहर जाने की इजाजत मांगी, लेकिन अदालती कार्यवाही पूरी होने तक उन्हें कक्ष से बाहर निकलने की अनुमति नहीं मिली। देर रात दीपक और श्याम को रिहा कराकर जब वह अदालत से बाहर निकल रहे। स्थानीय व्यापारियों ने उन लोगों के साथ हाथापाई की। इससे वह गश खाकर गिर पड़े। उन्हें शंघाई के अस्पताल में भर्ती कराया गया है। जहां उनकी हालत फिलहाल खतरे से बाहर बताई गई है। उधर, भाजपा के मुख्य प्रवक्ता रविशंकर प्रसाद ने भी इस घटना पर चिंता जताते हुए कहा कि हर हफ्ते चीन की ओर से भारत को उकसाने की कोशिश होती है। यह बेहद चिंता की बात है।