'झारखंड की समस्याओं को नकार रही केंद्र सरकार'
मुंडा ने क्षोभ के साथ कहा कि झारखंड को अपने उपर गरीबी का लेबल चिपकाने का कोई शौक नहीं है। उन्होंने कहा कि हमारे समक्ष विरासत में मिली समस्याए है लेकिन उनके निदान में केन्द्र सरकार की उदासीनता जगजाहिर है। उन्होंने कहा कि सदन इस बात का गवाह है कि झारखंड केन्द्र को कितना संसाधन देता है और हमें कितना धन और कितनी मदद बदले में मिलती है।
उन्होंने कहा कि यहां की जनजातीय आबादी मध्य वर्गी किसान खनन क्षेत्रों में बसने वाले ग्रामीण अर्ध विकासित शहरों के झोपड़पट्टियों में रहने वाले लोग कैसे जीवन बिताते है यह किसी से छिपा नही है। वहंी दूसरी तरफ झारखंड विधानसभा में आज उस समय सरकार बैकफुट पर आ गयी जब शीतकालीन सत्र की समाप्ति से पूर्व मुख्मयंत्री के भाषण के दौरान सदन के भीतर की अधिकारी दीर्धा पूरी तरह खाली हो गयी और एक भी शीर्श अधिकारी वहां मौजूद नहीं था जिसे देख कर विपक्ष ने इस पर कड़ा एतरराज जताया।