ऑस्ट्रेलिया भारत को यूरेनियम देने के लिए तैयार
इस
मौके
पर
प्रधानमंत्री
जूलिया
गिलार्ड
ने
कहा
कि
इस
कदम
से
व्यापार
को
बढ़ावा
देने
और
भारत
के
साथ
ऑस्ट्रेलिया
के
संबंधों
को
मजबूत
बनाने
में
मदद्
मिलेगी।
गिलार्ड
ने
कहा
कि
हम
विश्व
इतिहास
के
इस
महत्वपूर्ण
क्षण
(एशियाई
शताब्दी)
में
सही
मौके
का
लाभ
लेना
चाहते
हैं।
भारत
को
यूरेनियम
के
निर्यात
की
नीति
में
आए
इस
बदलाव
से
पहले
काफी
गर्मा-गरम
बहस
हुई।
इस फैसले में संसाधन मंत्री मार्टिन फग्र्युसन, रक्षा मंत्री स्टिफन स्मिथ और दक्षिणी ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री जे.वेदरिल ने प्रधानमंत्री गिलार्ड का समर्थन किया। ऑस्ट्रेलिया प्रधानमंत्री ने कहा कि हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि इस क्षेत्र में हम विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्रा भारत समेत सभी के साथ मजबूत से मजबूत संबंध बनाएं।
इन लोगों ने कहा कि चीन को यूरेनियम बेचना और भारत को नहीं बेचना तर्कसंगत नहीं है। हालांकि परिवहन मंत्री एंथनी अल्बानीज समेत गिलार्ड के कुछ मंत्रियों ने उनके फैसले का विरोध किया। इस फैसले से पहले सिडनी के डार्लिंग हार्बर कनवेंशन सेंटर के बाहर लोगों ने यूरेनियम के विरोध में प्रदर्शन किया और बैठक खत्म होने से पहले उन्हें वहां से हटा दिया गया।
गौरतलब है कि पूर्व प्रधानमंत्री जान हावर्ड ने वर्ष 2007 में भारत को यूरेनियम बेचने की अनुमति दे दी थी, लेकिन उसी वर्ष प्रधानमंत्री बने केविन रड ने इस फैसले को पलट दिया था। विश्व के यूरेनियम भंडार का 40 फीसदी हिस्सा ऑस्ट्रेलिया के पास है।