एफडीआई पर हो रही ओछी राजनीति: प्रणब मुखर्जी
'हिंदुस्तान टाइम्स लीडरशिप समिट' में मुखर्जी ने कहा, वैश्विक अनुभवों से पता चलता है कि एकीकृत आपूर्ति श्रृंखला वाले संगठित खुदरा कारोबार से फसलों की बर्बादी में कमी आई है जिससे किसानों को फायदा पहुंचा है। साथ ही प्रतियोगी कीमतों के कारण उपभोक्ताओं को भी फायदा पहुंचा है, पर इसके लिए उपयुक्त प्रौद्योगिकी और बड़े स्तर पर निवेश की जरूरत है। विदेशी खुदरा कारोबारियों के संदर्भ में विपक्ष के रुख पर मुखर्जी ने कहा कि अभी इसे स्वीकार किए जाने की बजाय नीतियों को लागू किए जाने से पहले अक्सर संकीर्ण राजनीतिक फायदे आड़े आ जाते हैं। इसे बेहद संवेदनशील तरीके से किए जाने के बावजूद ऐसा होता है। मुखर्जी के मुताबिक भारत जैसी उभरती अर्थव्यवस्थाओं के लिए ऐसी नीतियां जरूरी है ताकि उच्च विकास दर हासिल किया जा सके।
उन्होंने कहा कि समय पर कार्रवाई नहीं करने या कार्रवाई नहीं करने से अंतत: किसान और उपभोक्ता प्रभावित होंगे। अगर ऐसा नहीं होता है तो राष्ट्र एक मौका गंवा देगा। बहु ब्रांड खुदरा क्षेत्र में 51 फीसदी एफडीआई और एकल ब्रांड खुदरा में 100 फीसदी एफडीआई के मुद्दे पर विपक्षी दलों के साथ-साथ केंद्र सरकार के सहयोगी दल भी संसद की कार्यवाही नहीं चलने दे रहे हैं। उन्होंने विपक्ष और अपने गठबंधन सहयोगियों को स्पष्ट संकेत देते हुए कहा कि वे उन राज्यों के रास्ते में बाधा न बनें, जो अपने यहां खुदरा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को लागू करना चाहते हैं।
उन्होंने कहा कि संसद में मतदान के लिए एक स्वीकार्य प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है। आपको बता दें कि सरकार के सहयोगी दलों तृणमूल कांग्रेस और द्रमुक ने भी बहु ब्रांड खुदरा क्षेत्र में विदेशी निवेश की अनुमति का विरोध किया है। वित्त मंत्री ने इस बात पर क्षोभ जताया कि संकीर्ण राजनीतिक लाभ की वजह से इसे लागू करने में अड़चन आ रही है, जबकि इसे धीरे-धीरे और संवेदनशील तरीके से किया गया है। क्या सरकार भारत-अमेरिका असैन्य परमाणु करार की तरह इस मुद्दे पर भी मतदान का जोखिम लेगी, इस पर मुखर्जी ने कहा कि हम विभिन्न राजनीतिक दलों के साथ विचार विमर्श कर रहे हैं। कई बार ऐसा लगता है कि कुछ नहीं हो सकता, लेकिन यदि हम संसद में चर्चा के शब्दों पर किसी तरह की सहमति पर पहुंचने पर सफल रहते हैं तो संभवत: यह मसला सुलझ सकता है। हालांकि इसके साथ ही वित्त मंत्री ने जोड़ा मुझे पूरा विश्वास नहीं है। मैं यह नहीं कह सकता कि हम यह करने में सफल रहेंगे, पर प्रक्रिया जारी है।