कोर्ट ने सुखराम की सजा को किया स्थगित, दी जमानत
अदालत ने कहा कि मैं मामले के निपटारे तक सजा को स्थगित करता हूं। अदालत ने सुखराम की 86 वर्ष की अवस्था और ह्दय संबंधी बीमारी से पीडि़त होने एवं तिहाड़ जेल के अधिकारियों द्वारा दाखिल की गई मेडिकल रिपोर्ट को देखते हुए उन्हें जमानत दे दी। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि वह ह्दय से संबंधित बीमारी और सर्वाइकल स्पोंडलाइटिस से पीडि़त हैं।
अदालत ने सुखराम को निर्देश दिया कि वे 10 लाख रूपये के दो मुचलके जमा करे और उसकी अनुमति के बिना देश नहीं छोड़े। सीबीआई ने इस जमानत का विरोध किया और कहा कि वह इससे पहले दो बार दोषी ठहराये जा चुके हैं और अपराध के आदी हैं। सुखराम को दूर संचार मंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान दूर संचार विभाग को साढे तीन लाख कंडक्टर किलोमीटर की आपूर्ति के लिये हरियाणा टेलिकाम लिमिटेड को 30 करोड़ रपये का ठेका दिये जाने में आधिकारिक पद के दुरूपयोग का दोषी ठहराया गया था।
इसके
अलावा
उन्हें
तीन
लाख
रूपये
रिश्वत
लेने
का
भी
दोषी
ठहराया
गया
था।
पूर्व
प्रधानमंत्री
नरसिंह
राव
की
कैबिनेट
में
दूरसंचार
मंत्री
रह
चुके
सुखराम
17
नवंबर
को
केबल
का
एक
ठेका
दिये
जाने
के
मामले
में
दोषी
ठहराये
गये
थे।
सीबीआई
के
विशेष
न्यायाधीश
आर
पी
पांडे
ने
19
नवंबर
को
उन्हें
पांच
साल
जेल
की
सजा
सुनाई
थी
और
जेल
भेज
दिया
था।
सुखराम
इससे
पहले
भी
दो
अलग
अलग
मामलों
में
वर्ष
2002
और
2009
में
दोषी
ठहराये
जा
चुके
हैं
लेकिन
सजा
स्थगित
कर
दिये
जाने
के
कारण
वे
जेल
से
बाहर
हैं।