15 साल बाद भ्रष्ट सुखराम दोषी करार, सजा आज
रोहिणी स्थित दिल्ली के जिला न्यायालय की विशेष अदालत में जज आरपी पांडेय ने अपने फैसले में सुख राम को भ्रष्ट करार दिया। साथ ही अपने पद का दुरुपयोग करने व आपराधिक षड्यंत्र रचने का दोषी ठहराया। इस मामले में सुखराम ने अपने पद का दुरुपयोग कर निजी लाभ के लिए हरियाणा टेलीकॉम लिमिटेड को लाभ पहुंचाया था। इस मामले के दूसरे आरोपी हरियाणा टेलीकॉम लिमिटेड के तत्कालीन चेयरमैन देवेंद्र चौधरी की मौत हो चुकी है।
दोषी करार देते हुए कोर्ट ने कहा कि सुखराम और चौधरी के बीच सांठगांठ के कोई सीधे सबूत भले ही नहीं मिले हैं, लेकिन उपलब्ध सबूतों के आधार पर यह पक्का है कि दोनों के बीच कोई गुप्त साजिश रची गई। गुप्त साजिश के सबूत बहुत कम ही मिल पाते हैं।
गौरतलब है कि दूरसंचार विभाग में घोटाले की शिकायत पर केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने 16 अगस्त 1996 के दिन सुख राम के घर छापा मारा, जिसमें उनके घर से 1,16,51,520 रुपए बरामद हुए। देवेंद्र सिंह चौधरी का नाम इसलिए आया क्योंकि एक लिफाफा जिसमें 3 लाख रुपए थे, उसमें उनका विजिटिंग कार्ड पड़ा हुआ था। इसके तुरंत बाद पुलिस ने दोनों के खिलाफ भ्रष्टाचार का मामला दर्ज किया। उस दौरान सुख राम की संपत्ति की जांच में उनकी संपत्ति 4 करोड़ रुपए ज्यादा की पायी गई थी।
पांच बार विधानसभा चुनाव और 3 बार लोकसभा चुनाव जीत कर जनता का प्रतिनिधित्व करने वाले सुख राम को दिल्ली की कोर्ट ने 2002 में तीन साल की सजा भी सुनाई थी, लेकिन बाद में वो जमानत पर रिहा हो गये थे।