क्विक अलर्ट के लिए
अभी सब्सक्राइव करें  
क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

नहीं दिया गया था गंगा बचाने वाले निगमानंद को जहर

Google Oneindia News

Swami Nigamanand
दिल्ली (ब्यूरो) । अब साफ हो गया है कि गंगा में अवैध खनन को लेकर चार महीनों तक अनशन करने वाले स्वामी निगमानंद को जहर नहीं दिया गया था। सेंट्रल फोरेंसिक साइंस लैब (सीएफएसएल) की रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है। मामले की जांच कर रही सीबीआई के सूत्रों ने बताया कि स्वामी निगमानंद के विसरा रिपोर्ट की जांच कर रही सीएफएसएल ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि स्वामी निगमानंद की मौत जहर देकर नहीं की गई है। हालांकि सीबीआई के प्रवक्ता ने मामले में कुछ भी कहने से इंकार करते हुए कहा कि मामले की जांच अभी चल रही है इस लिए अभी कुछ भी नहीं कहा जा सकता। 36 वर्षीय स्वामी निगमानंद की मौत 13 जून को देहरादून के एक अस्पताल में हुई थी।

गौरतलब है हरिद्वार के स्वामी निगमानंद की मौत पर विवाद काफी बढ़ गया था। गंगा को बचाने की मांग को लेकर करीब चार महीने के अनशन के बाद उनकी देहरादून के अस्पताल में मौत हो गई थी। स्वामी निगमानंद के पिता और अन्य रिश्तेदारों ने इस मामले में न्याय दिलाने की मांग की थी। उन्होंने निगमानंद की मौत को लेकर मातृ सदन के प्रमुख स्वामी शिवानंद की भूमिका की भी जांच करवाने की मांग की थी।

स्वामी निगमानंद के पिता सुभाष चंद्र झा, दादा सूर्य नारायण झा और दादी जयकली देवी ने इस मामले में उत्तराखंड सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा था कि सरकार की असंवेदनशीलता साफ जाहिर है क्योंकि देहरादून के उसी अस्पताल में बाबा रामदेव को सारी सुविधाएं उपलब्ध कराई गईं, लेकिन निगमानंद को मरने के लिए छोड़ दिया गया। 34 साल के स्वामी निगमानंद गंगा के किनारे हो रहे अवैध उत्खनन के विरोध में 19 फरवरी 2011 से अनशन पर थे। जिला प्रशासन ने उन्हें जबरन अस्पताल में भर्ती करा दिया था।

हालांकि हरिद्वार के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक पीके भटनागर और खनन माफिया ज्ञानेश कुमार के खिलाफ दर्ज कराई गई एफआईआर में लिखा गया था कि संभावना है कि इलाज के प्रथम चरण में ही निगमानंद को जहर दिया गया था। बाद में नई दिल्ली स्थित लाल पैथ लैब में इस बात की पुष्टि हुई कि उनके शरीर में ऑरगेनोफास्फेट कीटनाशक उपस्थित हैं। हालांकि अब साफ हो गया है कि उन्हें जहर नहीं दिया गया था।

Comments
English summary
CSFL cleared that Swami Nigamanand was not given poison. Swami Nigamanand died on June 13 after a four-month-long fast to protest illegal quarrying and mining.
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X