गद्दाफी जैसा न हो जाए सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल असाद का हाल
इस समय सीरिया में हालात सरकार के काबू से बाहर हो रहे हैं। यहां के प्रदर्शनकारियों ने लीबिया में प्रदर्शनकारियों को मिली सफलता के बाद अपना प्रदर्शन काफी तेज कर दिया है। जिस तरह गद्दाफी वहां की जनता के आंदोलन को दबाने के लिए वहां कत्लेआम करता था। उसी तरह बशर अल असद भी वहां की जनता की हत्या करा रहे हैं। अमेरिका सहित दुनिया के बड़े देशों ने सीरिया को यूएन से भी निलंबित करने की मांग की थी।
लंबे संघर्ष के बाद लीबिया की जनता ने वहां के निरंकुश शासक राष्ट्रपति कर्नल मुअम्मर गद्दाफी को सत्ता से दरबदर कर दिया था। जिसके बाद लंबे संघर्ष के बाद वहां की विद्रोही सेना ने गद्दाफी की हत्या कर दी थी। अब देखना है कि राष्ट्रपति बशर अल असाद सीरिया में बलपूर्वक कब तक वहां की जनता की मांगों को दबा पाते हैं। वहीं वहां की विद्रोही जनता इस संघर्ष में मारे गए 3500 लोगों की कुर्बानी को बेकार नहीं देने जाना चाहती है।