2जी घोटला: कैग प्रमुख मुरली मनोहर जोशी की भूमिका पर सवाल
सूत्रों का कहना है कि कुछ दिनों पहले हुए लोक लेखा समिति की बैठक में विनोद राय और आरपी सिंह को लेकर उभरा था, संभव है कि आज भी जेपीसी की बैठक में दिखे तो इस पर आश्चर्य नहीं जताया जा सकता। कैग के पूर्व डीजी आरपी सिंह ने एक आंकड़ा दिया था कि 2जी के आवंटन के कारण लगभग 2645 करोड़ रुपये का ही नुकसान हुआ था। सरकारी पक्ष सिंह के आंकड़ों के पीछे कैग पर सवाल उठाकर खुद को बचाने की कोशिश में है। विपक्ष इस नुकसान को बड़ा बताकर सरकारी पक्ष को घेरना चाहता है। सूत्रों के मुताबिक, जेपीसी की बैठक के दौरान भाजपा सांसद जसवंत सिंह के यह पूछे जाने पर कि आपने रिपोर्ट पर दस्तखत किए है, सिंह ने कहा, हां उन्होंने रिपोर्ट पर दस्तखत किए हैं, लेकिन वह अन्य आडिटरों द्वारा उपलब्ध कराए गए तथ्यों के लिए जिम्मेदार नहीं हैं।
समिति के सदस्यों ने उनसे फील्ड आडिट टीम के आकलन के संबंध में भी सवाल किए। संयुक्त संसदीय समिति में सदस्य के रूप में शामिल एक संप्रग सदस्य के मुताबिक, सिंह ने समिति को बताया कि चूंकि ट्राई ने स्पेक्ट्रम की नीलामी पर निर्णय नहीं किया और केंद्रीय कैबिनेट ने भी इसी तर्ज पर निर्णय किया, नुकसान का सटीक अनुमान नहीं लगाया जा सका। आज विनोद राय पेश होने वाले हैं। वह पुराने आंकड़े को सही मानते हैं जिसके अनुसार 1.76 लाख करोड़ का नुकसान हुआ था। लिहाजा वह चाहते हैं कि उनसे सवाल-जवाब हो तो आरपी सिंह भी मौजूद रहें, ताकि वह अपने तर्को से उन्हें गलत साबित कर सकें। अगर चाको ने उनका आग्रह मान लिया तो बैठक में गर्मी बढ़ सकती है।