जिंद के महेश ने बनाया लिम्का बुक आफ वर्ल्ड रिकार्ड
कार्यक्रम में लिम्का बुक आफ वल्र्ड रिकार्ड के अधिकारी भी शामिल हुए। महेश शुरू से ही दो घोडिय़ों पर सवार होकर उन्हें सरपट दौड़ाने का अभ्यास कर रहा है। इसमें वह एक तरह से पारंगत हो चुका है। अब उसने 60 से 70 किलोमीटर प्रति घंटा की गति से महज 21 मिनट में 15 किलोमीटर का सफर तय करके अपना नाम लिम्का बुक आफ रिकार्ड में दर्ज करवाया दिया है।
महेश शर्मा इससे पहले इंडिया बुक आफ रिकार्ड, एशिया रिकार्ड में अपना नाम दर्ज करवा चुके हैं। महेश शर्मा दस साल की अथक मेहनत से दो घोडिय़ों की पीठ पर खड़ा होकर बिना हैलमेट और बिना सुरक्षा कवच 70 से 80 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से घुड़सवारी करने में पारंगत है। इस विलक्षणता को देखते हुए कुरुक्षेत्र के सांसद नवीन जिंदल ने भी महेश को अपनी पोलो टीम में जगह दी और एक खिलाड़ी के तौर पर पूरा मान-सममान दिया।
महेश ने दावा किया कि जो रिकार्ड उसने बनाया है, आज तक पूरे विश्व में किसी ने भी गिनीज बुक आफ वल्र्ड रिकार्ड के हिसाब से नहीं बनाया है। आजकल महेश सांसद नवीन जिंदल के बेटे वैंकटेश जिंदल को पोलो व घुड़सवारी के गुर सिखा रहे हैं। महेश शर्मा ने कहा कि सरकार घोड़े पर जंपिंग में उसे मौका दे तो देश के लिए वह स्वर्ण पदक लाने का मादा रखता है। महेश के बड़े भाई विष्णु शर्मा ने कहा कि महेश पोलो का एक बेहतरीन खिलाड़ी है और महेश की तरह पूरे विश्व में दूसरा कोई घुड़सवार नहीं है।