ए. राजा ने किया देश के साथ विश्वासघात भी!
सूत्रों ने बताया कि सीबीआई ने अपनी चार्जशीट में आरोपियों के खिलाफ केवल धोखाधड़ी (धारा-420) यानी फ्राड का आरोप लगाया था। उनके अनुसार किसी अपराधी के खिलाफ एक ही मामले में धोखाधड़ी और विश्वासघात की धाराएं एक साथ नहीं लग सकतीं। या तो आरोपी किसी को धोखा देगा या फिर विश्वासघात करेगा। पर 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले के आरोपियों के खिलाफ इन दोनों ही धाराओं में अदालत ने आरोप तय कर दिया है।
आरोपियों के खिलाफ धारा-409 लगाने की मांग से पर्दा उठाते हुए वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि सीबीआई के विशेष अभियोजक यूयू ललित ने खुद ही अदालत में यह धारा लगाए जाने की मांग की और इस बाबत जांच एजेंसी को सूचित तक नहीं किया। वैसे सीबीआई के अधिकारी यह स्वीकार करते हैं कि विशेष अभियोजक को ऐसा करने का अधिकार है। जांच एजेंसी की चार्जशीट दाखिल करने के बाद मौजूदा सबूतों की व्याख्या के लिए अभियोजक स्वतंत्र है और यूयू ललित ने अपने इसी अधिकार का उपयोग किया है।