नहीं बढ़ेंगे पेट्रोल के दाम, तेल कंपनियों को कैश सब्सिडी की तैयारी
गौरतलब है कि अभी तक तेल कंपनियों की घाटे की भरपाई सरकार और बांड के रूप में कर रही है। कंपनियां मार्केट में बांड के जरिए राशि जुटाती है।
सूत्रों ने बताया कि तेल कंपनियों के बैलेंस सीट में घाटा लगातार बढ़ रहा है। कंपनियों का कहना है कि पेट्रोलियम प्रोडक्ट की लागत से कम मूल्य पर बिक्री के चलते उनका घाटा लगातार बढ़ता जा रहा है। इससे तेल कंपनियों की अन्य गतिविधियां भी प्रभावित हो रही है। हाल ही में तेल कंपनियों ने सरकार से इतना तक कह दिया है कि भविष्य के सौदे के लिए उनके पास नकदी का अभाव है। जिस तरह से उनको घाटा हो रहा है उसके चलते कुछ महीने में तेल के आयात के लिए उनके पास नकदी की कमी पड़ जाएगी। ऐसे में बेहतर है कि सरकार उनके लिए नकदी का इंतजाम करे। या फिर पेट्रोलियम प्रोडक्ट की कीमतें बढ़ाए। इसके बाद सरकार कैश सब्सिडी देने पर विचार कर रही है।
आपको बता दें कि बुधवार को देश की सबसे बड़ी तेल कंपनी इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन (आईओसी) के चेयरमैन आर. एस. बुटोला ने कंपनी के सबसे बड़े तिमाही नुकसान के ऐलान के बाद कहा कि था कि बाजार से कम कीमत पर केरोसिन, रसोई गैस और डीजल बेचने से हुए कंपनी के घाटे की भरपाई नहीं की गई है। इससे आईओसी को कर्ज लेकर कच्चा तेल खरीदना पड़ रहा है। इसे हम लंबे समय तक जारी नहीं रख सकते। इसीलिए सरकार जल्द ही कोई रास्ता तलाशे जिससे आईओसी या अन्य कंपनियां उबर सकें।