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कानून मंत्रालय ने नहीं, राष्‍ट्रपति सचिवालय ने सार्वजनिक किया दिनाकरन का इस्तीफा

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PD Dinakaran
दिल्ली (ब्यूरो)। सिक्किम हाईकोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश पीडी दिनकरन के इस्तीफे का मजमून राष्ट्रपति सचिवालय ने सार्वजनिक कर दिया है। सूचना के अधिकार (आरटीआई) के तहत सार्वजनिक किए गए इस्तीफे में दिनाकरन ने कहा है कि उन्हें अपना पक्ष रखने का मौका नहीं दिया गया। आरटीआइ के क्रियान्वयन में व्याप्त विसंगतियों को उजागर करने वाला यह फैसला उस समय आया जब एक आवेदक ने भष्टाचार और पद के दुरुपयोग के आरोपों का सामना कर रहे दिनाकरन के इस्तीफे की प्रतियां मांगी।

इसके जवाब में राष्ट्रपति भवन ने न्यायमूर्ति के इस्तीफे की प्रतियां मुहैया कराई फिर वह मांगपत्र भी दिया जिसमें उन्होंने इसे वापस लेने की मांग की थी। इससे पहले विधि मंत्रालय ने यह मामला वापस दिनकरन के पास भेज कर आरटीआई की धारा 11(1) के तहत पत्र को सार्वजनिक करने पर उनकी राय मांगी थी। दिनाकरन ने पत्र को उजागर करने पर आपत्ति जताई थी।

आरटीआई के जवाब में विधि मंत्रालय के उपसचिव एसके श्रीवास्तव ने कहा, न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) दिनाकरन ने पत्रों को सार्वजनिक करने पर आपत्ति जताई। मामले पर विचार करने के बाद निर्णय लिया गया कि उनके पत्रों में वर्णित सूचना को उजागर करना जनहित में नहीं होगा इसलिए सूचना मुहैया नहीं कराई गई। राष्ट्रपति को भेजे अपने इस्तीफे में दिनाकरन ने लिखा था, मैं बहुत भारी मन से कह रहा हूं कि संवैधानिक पद पर रहने के बावजूद न्यायाधीशों की जांच समिति ने मुझे बचाव का अवसर नहीं दिया।

कुल पांच पृष्ठ का यह इस्तीफा उन्होंने 29 जुलाई को लिखा था। इसके बाद 4 अगस्त को उन्होंने राष्ट्रपति को एक और पत्र भेजा और अपना इस्तीफा वापस लेने की मांग की। पिछले साल ऐसी ही एक घटना में विधि मंत्रालय ने तत्कालीन मुख्य निर्वाचन आयुक्त एन गोपालस्वामी का राष्ट्रपति को लिखा वह पत्र जारी कर दिया था जिसमें उन्होंने सहयोगी निर्वाचन आयुक्त नवीन चावला को पद से हटाने की मांग की थी। जबकि राष्ट्रपति भवन ने इस दस्तावेज को सार्वजनिक करने से इंकार कर दिया था।

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English summary
The resignation of former Sikkim High Court chief justice PD Dinakaran is a secret document which serves "no public interest" for the Law Ministry but the President's Secretariat has no such hitch in making it public under the Right to Information Act.
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