कैश फॉर वोट में सपा सांसद रेवती रमण को हाईकोर्ट से राहत
रेवती रमण की अर्जी पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट के न्यायामूर्ति सुरेश कैत ने दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी कर 15 नवंबर को अपना जवाब दाखिल करने को कहा है। कोर्ट ने दिल्ली पुलिस से कहा है कि अगर उनके पास इस मामले से संबंधित कोई ऑडियो या वीडियो रिकार्ड हो तो उसे पेश किया जाए।
गौरतलब है कि समन के आदेश को रेवती रमण की तरफ से हाईकोर्ट में चुनौती देते हुए कहा गया कि वह इस समय सांसद है और घटना के समय भी सांसद थे। जबकि उनको समन जारी करने से पहले उनके खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति सदन से नहीं ली गई।
आपको बता दें कि इससे पहले पटियाला की विशेष कोर्ट ने नोट फार वोट मामले की सुनवाई करते हुए कहा था कि रेवती रमण को आरोपी बनाया जाय। कोर्ट ने यह फैसला मामले को खुद ही संज्ञान में लेकर किया गया था औऱ उन्हें 3 नवंबर को कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया था। इसी दिन बीजेपी सांसद अशोक अर्गल की भी कोर्ट में पेशी होनी है। बताया जा रहा है कि पुलिस की ओर से इस मामले में दायर दूसरी चार्जशीट में अशोक अर्गल का भी नाम शामिल था।
इसके साथ ही साथ इस आरोप पत्र में अमर सिंह, सुधींद कुलकर्णी और भाजपा के दो पूर्व सांसदों महावीर सिंह भगोरा और फग्गन कुलस्ते के नाम शामिल हैं। कोर्ट ने इसपर पूछा था कि रेवती रमण सिंह को अब तक आरोपी क्यों नहीं बनाया गया है। इस संबंध में बचाव पक्ष के वकील ने रेवती रमण सिंह पर भाजपा सांसदों से मिलने का आरोप लगाया था और कहा था कि 22 जुलाई 2008 को विश्वास मत पर मतदान के दौरान रेवती रमण सिंह लागातार भाजपा सांसदों के संपर्क में रहे थे। मगर इस पूरे मामले में सरकारी वकीलों ने कहा कि उपलब्ध सबूतों के आधार पर यह नहीं कहा जा सकता कि रेवती रमण सिंह सांसदों को रिश्वत देने की साजिश में शामिल थे। इसीलिए आरोप पत्र में इनका नाम शामिल नहीं किया गया है।