दुनिया के हर तानाशाह का हुआ गद्दाफी जैसा हश्र
सद्दाम हुसैन: इराक के इस तानाशाह को दिसंबर, 2003 में अमेरिकी सैनिकों ने एक छोटे से तहखाने से खोज निकाला था। पकड़े जाने पर सद्दाम ने विरोध किए बिना आत्मसमर्पण कर दिया था। 5 नवंबर, 2006 में इराक की विशेष अदालत ने उन्हें मानवता के विरुद्ध अपराध में दोषी करार दिया और फिर फांसी पर चढ़ा दिया गया।
एडोल्फ हिटलर: दुनिया के सबसे क्रूर तानाशाह जर्मनी के एडोल्फ हिटलर ने 1945 में पत्नी इवा ब्राउन के साथ अपने बंकर में आत्महत्या कर ली थी। द्वितीय विश्र्वयुद्ध के अंतिम दिनों में जब सोवियत संघ की रेड आर्मी धीरे-धीरे बर्लिन पर अपना घेरा कस रही थी, तो हिटलर ने पकड़े जाने के डर से खुद को खत्म कर लिया था।
बेनिटो
मुसोलिनी:
हिटलर
के
प्रतिद्वंद्वी
माने
जाने
वाले
इटली
के
तानाशाह
बेनिटो
मुसोलिनी
की
गोली
मारकर
हत्या
कर
दी
गई
थी।
27
अप्रैल,
1945
को
वह
अपनी
पत्नी
क्लारा
पेटाकी
और
साथियों
के
साथ
जान
बचाने
के
लिए
स्विटजरलैंड
भाग
रहे
थे,
लेकिन
उनके
ही
देश
के
कम्युनिस्ट
अधिकारियों
और
सैनिकों
ने
मुसोलिनी
और
उनके
साथियों
को
गोली
से
उड़ा
दिया
था।
निकोलाई
चाउसेस्कू:
रोमानिया
के
इस
कम्युनिस्ट
तानाशाह
का
अंत
भी
बहुत
बुरा
हुआ
था।
वर्ष
1989
में
क्रिसमस
के
दिन
बुखारेस्ट
में
सेना
के
बंदूकधारियों
ने
उसे
मौत
के
घाट
उतार
दिया
था।
कई
सैनिकों
में
उसे
मारने
की
होड़
थी।
इस
वजह
से
लॉटरी
निकालकर
यह
तय
किया
गया
कि
निकोलाई
का
अंत
कौन
करेगा?
जोसेफ स्टालिन: इस रूसी तानाशाह ने राजधानी मॉस्को के निकट अपने घर में 5 मार्च, 1953 को अपने बिस्तर में ही दम तोड़ दिया। स्ट्रोक आने के बाद ही उन्होंने बिस्तर पकड़ लिया था। इस कुख्यात तानाशाह को दो करोड़ लोगों की मौत का जिम्मेदार माना जाता है। अपने शासन का विरोध करने के कारण उन्होंने इन लोगों को मरवाया था।
कर्नल गद्दाफी: गरीबों की फरीयाद को सोने की बंदूक से मसलने और अपने अय्याशी के चलते लीबिया को गर्क में ले जाने वाले इस तानाशाह को 21 अक्टूबर को नाटो सेना ने बेरहमी से मौत के घाट उतार दिया। विद्रोहियों के डर से वह अपने गृहनगर सिर्ते में जा छुपा था।