अंबाला से जब्त न होता विस्फोटक तो आज दहल उठती दिल्ली
बब्बर खालास के निशाने पर कांग्रेस के पूर्व सांसद सज्जन कुमार थे। जिनकी 19 अक्टूबर को 1984 में हुए सिक्ख विरोधी दंगों में सुनवाई कड़कड़डूमा कोर्ट में होनी थी। बब्बर खालसा उन्हें इस विस्फोटक से जान से मारने की फिराक में था। मिली जानकारी के मुताबिक इस आतंकी संगठन ने कोर्ट के गेट नंबर 2 के आस-पास विस्फोट करने की साजिश रची थी। यह विस्फोटक लश्कर-ए-तैयबा ने मुहैया कराया था।
1984 में हुए सिख विरोधी दंगों में सज्जन कुमार और जगदीश टाइटलर की सुनवाई चल रही है। सुरक्षा एजेंसियों के इन खुलासों के बाद सज्जन कुमार और जगदीश टाइटलर की सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। इसके अलावा कड़कड़डूमा कोर्ट के आस-पास भी सुरक्षा पुख्ता कर दी गई है। पिछले महीने 7 सितंबर को भी दिल्ली हाईकोर्ट के बाहर आतंकी हमला हुआ था। बब्बर खालसा सिक्ख दंगो में चले ऑपरेशन ब्लू स्टार के बाद से ही पंजाब और पाकिस्तान के कुछ हिस्सों में सक्रिय है। उसके निशाने पर सिक्ख विरोधी दंगों में शामिल रहे लोग हैं। ऐसे में लश्कर ने बब्बर खालसा को सहयोग देकर भारत में आतंक फैलाने की कोशिश कर रहा है।