इस हफ्ते धरती पर गिरेगा उपग्रह
हालांकि जर्मन अंतरिक्ष वैज्ञानिकों ने कहा है कि इसमें 21 से 25 अक्तूबर तक का समय भी लग सकता है। इस उपग्रह के गिरने की संभावना ऐसे समय सामने आई है जब इससे पहले सितंबर के अंत में अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा का जलवायु उपग्रह अपर एटमोस्फेयर रिसर्च सैटेलाइट प्रशांत महासागर में गिर पड़ा था। जर्मन एरोस्पेस के अधिकारियों ने कहा कि 2.4 टन की एक्सरे अंतरिक्ष वेधशाला धरती के वातावरण में घुसते ही टूट जाएगा लेकिन इसका करीब 1.7 टन मलबा बचा रह सकता है और धरती की सतह पर पहुंच सकता है जिसमें 30 बड़े शीशे और चीनी मिट्टी के कण भी शामिल होंगे।
वैज्ञानिकों के अनुसार धरती के वातावरण में घुसते ही वैसे तों सभी तत्व जल जाते है लेकिन उनके अनुसार शीशा ओर चीनी मिट्टी बच सकती है। ऐसा भी हो सकता है कि यह बडे टुकडे के रूप में घरती पर गीरे। नासा के उपग्रह की तुलना में इसमे ज्यादा खतरा होता है क्योकि नासा ने अपने उपग्रह का धरती से टकराने का अवसर 3200 में से एक होता है जबकि इसमें दो हजार में से एक अवसर हो सकता है। दो घंटे के पहले तक यह भी जानकारी नहीं मिल पाएगी कि वह कब और कहा गिरेगा।