अटल के बाद सुषमा स्वराज से घबराए आडवाणी
आडवाणी ने अपनी जनसभा में वाजपेयी को खूब याद किया। आडवाणी ने कहा कि उनकी पिछली पांच यात्राओं और जन चेतना यात्रा में सबसे बड़ा अंतर यह है कि अब वाजपेयी वैसा सहयोग नहीं कर सकते हैं, जैसा उन्होंने पिछली पांच यात्राओं में किया था। उन्होंने कहा कि यह उनके लिए कष्टकारक है। यात्रा शुरू करने की पूर्व संध्या पर वह वाजपेयी से उनके निवास पर मिलने गए और उनसे यात्रा शुरू करने के लिए आशीर्वाद मांगा था।
इससे वाजपेयी के चेहरे पर एक विशेष चमक आ गयी थी। आडवाणी ने अपने लगभग आधा घंटे के भाषण के दौरान कुछ अंतराल के बाद फिर से वाजपेयी के नाम का जिक्र किया और कहा कि उन्होंने उनके साथ वर्षों एक साथ काम किया। उनमें भाषण की विशेष शैली और असाधारण क्षमता थी। इस बात से उनमें काम्पलेक्स विकसित हो गया था। आडवाणी ने श्रीमती स्वराज की ओर मुखातिब होते हुए कहा कि अब उन्हें इनसे काम्पलेक्स हो गया है। इसके पहले अपने भाषण में श्रीमती स्वराज ने आडवाणी की काफी प्रशंसा की थी।