इस दीवाली मत पड़ें सस्ती मिठाईयों के चक्कर में
फैक्ट्री में करीब 600 किलो तैयार पेठा मिला। यहां सफाई व्यवस्था का ध्यान रखना तो दूर की बात, पेठा तैयार करने में जो सामग्री इस्तेमाल की जा रही थी, उसकी गुणवत्ता भी बेहद खराब दिखी। फिलहाल स्वास्थ्य विभाग की टीम ने सभी तरह के पेठे के कुल 12 सैंपल लिए हैं, जिन्हें जांच के लिए लैब में भेजा जाएगा। तैयार पेठे के जमीन के नीचे दबाकर नष्ट कर दिया गया। फैक्ट्री के ठेकेदार के रूप में बिहार के मोतिहारी जिले के संजय का नाम सामने आया है।
यह तो महज एक उदाहरण है, जिसमें फैक्ट्री पकड़ ली गई। सच पूछिए तो ना जाने कितनी फैक्ट्रियां इस दीवाली पर बाजार में लाने के लिए मिलावटी मिठाईयां तैयार कर रही होंगी। हमारा क्या है हम त्यौहार आते ही जीभ के स्वाद के चक्कर में पेट का हाजमा खराब कर लेते हैं। मिलवाटखोर मुनाफे के लिए लोगों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ करने से भी गुरेज नहीं करते। हर बार की तरह इस बार भी नकली खोया तैयार करने वालों ने अपना माल तैयार कर लिया है। सस्ती मिठाईयां खरीदने वालों में पानीपत, फरीदाबाद, सोनीपत, गुडग़ांव, आदि हरियाणा के राज्य हैं जोकि यूपी व दिल्ली की सीमा से जुड़े हैं। सीमा जुड़े होने के कारण छोटे मिठाई विक्रेता यूपी व दिल्ली से नकली तैयार खोया खरीद लाते हैं जोकि सस्ता होता है। इसे ही मिठाईयों के लिए प्रयोग किसा जाता है।
डॉक्टर की सलाह
वन इंडिया ने अपने पाठकों को दिवाली ऐसे मिलावटखोरों से सचेत रखने के लिए डॉक्टरों व खाद्य विशेषज्ञों से बात की है। सिरसा के डिप्टी सिविल सर्जन डॉ. दयांनद ने बताया कि मिलवाटी मिठाईयों को से सबको सजग रहना चाहिए। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से एक लिखित पत्र हलवाई एसोसिएशन को भेजा गया है। ऐसे पत्र राज्य के सभी हलवाई एसोसिएशन को भी उनके जिला स्वास्थ्य विभाग द्वारा भेजा जा चुका है।
पत्र में लिखा गया है कि मिठाईयां तैयार करने में सफाई की विशेष ध्यान रखें। इसके अलावा अधिकृत ब्रांड के रंगों व वर्क का प्रयोग करें जोकि स्वास्थ्य के लिए हानिकारक न हो। वहीं सिरसा हलवाई एसोसिएशन के अध्यक्ष बनवारी लाल चावला ने भी बताया कि लोगों को असली व नकली की पहचान खुद करनी चाहिए। जान पहचान वाले मिठाई विक्रेता से ही मिठाई लेनी चाहिए। इसके अलावा रेहड़ी वालों से मिठाईं खरीदने से बचना चाहिए। वे सस्ते के चक्कर में नकली माल बेच देते हैं। उन्होंने कहा कि एसोसिएशन ने मिठाईयों के मूल्य भी दूध के दामों के अनुसार तय किए हुए हैं। यही स्थिती राज्य के हर जिले में हैं।