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सुप्रीम कोर्ट ने पूछा केंद्र ने 2जी पर समय रहते कार्रवाई क्‍यों नहीं की

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supreme court
नयी दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने आज इस बात पर नाराजगी जताई कि 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले में नीलामी का पक्ष लेने के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के रुख की अनदेखी की गयी तथा घोटाले पर रोकथाम के लिए समय रहते कोई कार्रवाई नहीं की गयी। शीर्ष अदालत न्यायमूर्ति जी एस सिंघवी और न्यायमूर्ति एच एल दत्तू की पीठ ने 2जी स्पेक्टम आवंटन से पहले हालात से निपटने में सरकार के तरीके की आलोचना की।

आवंटन में नीलामी की नीति को नहीं अपनाया गया और ए राजा की अगुवाई में संचार मंत्रालय ने पहले आओ पहले पाओ की नीति को अपनाया। पीठ ने कहा कि तत्कालीन संचार मंत्री ने स्पेक्ट्रम आवंटन में प्रधानमंत्री के नीलामी करने के रुख से सहमति नहीं जताई और आशय पत्र जारी किये। उसके बाद भी स्थिति पर नियंत्रण के लिए समय रहते कोई कार्रवाई नहीं की गयी और मामला अदालतों में पहुंचा।

न्यायालय जेल में बंद यूनिटेक वायरलैस (तमिलनाडु) प्रा लि के निदेशक संजय चंद्रा और स्वान टेलीकाम के निदेशक विनोद गोयनका की जमानत अर्जियों पर सुनवाई कर रहा था। उच्‍चतम न्‍यायालय ने कहा कि 2जी स्‍पेक्‍ट्रम मामले मे सरकार का तरीका गलत था। समय रहते सब कुछ रोका जा सकता था इस मामले में मनमोहन सिंह के रूख की अनदेखी की गयी। तत्‍कालीन संचार मंत्री ने स्पेक्ट्रम आवंटन मामले पर भी प्रधानमंत्री के नीलामी करने के रुख से सहमति नहीं जताई।

English summary
The Supreme Court on Thursday asked why no step was taken to prevent the 2G scam.
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